पानी के लिए घर से कुएं तक की दौड़ लगा रहे हैं वनवासी
जल संकट से जूझ रहे बड़वान कला के लोगों की गर्मी में बढ़ जाती है परेशानी, गर्मी के दिनों में मवेशियों को लेकर मैदानी भाग की ओर चले जाते हैं...
जल संकट से जूझ रहे बड़वान कला के लोगों की गर्मी में बढ़ जाती है परेशानी
गर्मी के दिनों में मवेशियों को लेकर मैदानी भाग की ओर चले जाते हैं पशुपालक
23 सौ आबादी निवास करती है गांव में
04 सौ घरों में निवास करते हैं वनवासी
अधौरा। एक संवाददाता
गर्मी की बात कौन करे ठंड के इस मौसम में भी बड़वान कला गांव के वनवासियों को घर से कुएं तक की दौड़ लगानी पड़ रही है। वैसे तो नक्सल प्रभावित अधौरा प्रखंड के अधिकांश गांव के लोगों के लिए जल संकट नासूर बना है। लेकिन, इस गांव का जलस्तर अभी ही खिसक गया है। गांव में आठ चापाकल गाड़े गए हैं। इनमें से छह चापाकल इसलिए बंद हो गए हैं क्योंकि भूमि तल में गाड़ी गई पाइप व पानी से जुड़ाव नहीं है। जितनी पाइप गाड़ी गई है उससे ज्यादा नीचे पानी है। चापाकल में पाइप जोड़कर गाड़ने के बाद ही बंद पड़े चापाकलों से पानी मिल सकेगा।
गांव के भूलन सिंह, पन्ना देवी, कलावती देवी, लखपतिया देवी, फूलन देवी, माला चेरो, नरेश चेरो, सुरेंद्र राम, जीतेंद्र राम, शिवपूजन राम, बनवारी राम बताते हैं कि दो चापाकल चालू हालत में हैं। लेकिन, इन चापाकलों का हाल यह है कि थोड़ी देर पानी उगलने के बाद बंद हो जाता है। चापाकलों से पानी नहीं मिलने या फिर ज्यादा भीड़ लग जाने के बाद लोगों को गांव से पांच सौ गज की दूरी पर स्थित कुएं से पानी लेने के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। ग्रामीण बबन सिंह, रामदयाल सिंह, लल्लू खरवार, टहकू खरवार बताते हैं कि यह हाल ठंड के मौसम में है। गर्मी के मौसम में डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी तय कर खेत के कुएं से पानी लाना पड़ता है। कुआं खुला रहने की वजह से उसका पानी भी स्वच्छ नहीं रह पाता है। कुछ बच्चे तो इसी कुएं में स्नान करने के लिए भी उतर जाते हैं।
अयोध्या चेरो, विडियो चेरो, नंदलाल सिंह, रोहिन सिंह, जागेश्वर यादव का कहना था कि गर्मी के दिनों में पानी की कमी के कारण पशुपालक अपने मवेशियों की जान बचाने के लिए उन्हें लेकर मैदानी भाग की ओर चले जाते हैं। जब बरसात शुरू होती है तब वे अपने गांव लौटते हैं। गांव के चार सौ घरों में करीब 23 सौ आबादी निवास करती है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
गर्मी के दिनों में पशुपालक जब घर व बच्चों को छोड़कर मवेशियों को लेकर चले जाते हैं तब घर में खर्च चलाने वाला भी नहीं बचता। किसी तरह मजदूरी कर पेट पालना पड़ता है।
वृजकिशोर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता
फोटो- वृजकिशोर सिंह
गांव में पानी की समस्या अक्सर बनी रहती है। यह अलग बात है कि ठंड व बरसात में कुछ कम रहती है। इस समस्या का समाधान हो जाने से ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी।
सूरज चेरो, मजदूर
फोटो- सूरज चेरो
अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी चापाकलों में पाइप जोड़ने का काम नहीं किया जा रहा है, जिससे पूरे गांव के लोगों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है।
जीतेंद्र राम, किसान
फोटो- जीतेंद्र राम
जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी को जल संकट के बारे में पता है। लेकिन, वह ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान करने-कराने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर पाते हैं।
रामनाथ चेरो, सरपंच पति
फोटो- रामनाथ चेरो
फोटो- 31 जनवरी भभुआ- 8
कैप्शन- नक्सल प्रभावित अधौरा प्रखंड के बड़वान कला गांव में कुएं के पास से पानी लेते लोग व पीते मवेशी।