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खतरे में पड़ी स्टॉफ व मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था

सदर अस्पताल में रात में ड्यूटी करनेवाले स्वास्थ्यकर्मी व भर्ती मरीज अपनी सुरक्षा को ले होने लगे हैं चिंतित, सुरक्षा गार्ड कंपनी को चिट्ठी लिख दी कंट्रैक्ट रद्द करने की...

खतरे में पड़ी स्टॉफ व मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था
हिन्दुस्तान टीम,भभुआSat, 12 Jan 2019 07:31 PM
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सदर अस्पताल में रात में ड्यूटी करनेवाले स्वास्थ्यकर्मी व भर्ती मरीज अपनी सुरक्षा को ले होने लगे हैं चिंतित

सुरक्षा गार्ड कंपनी को चिट्ठी लिख दी कंट्रैक्ट रद्द करने की चेतावनी

बोले डीएस, सुरक्षा-व्यवस्था की तत्काल वैक्लिपक व्यवस्था की जाए

31 सुरक्षा प्रहरी शुक्रवार से हैं हड़ताल पर

18 हजार मासिक मानदेय की कर रहे हैं मांग

भभुआ। कार्यालय संवाददाता

सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों एवं उसमें भर्ती मरीजों की सुरक्षा खतरे में पड़ता दिख रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य प्रशासन ने सुरक्षा गार्ड कंपनी को चिट्ठी लिख तत्काल वैक्लिपक व्यवस्था करने को कहा है। पत्र में लिखा गया है कि कंपनी के जो सुरक्षा प्रहरी हड़ताल पर हैं उनकी जगह शीघ्र दूसरे की नियुक्ति की जाए अन्यथा कंट्रैक्ट रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। सदर अस्पताल की सुरक्षा की कमान संभालने वाले ई-लाइट फॉलकोन कंपनी द्वारा नियुक्त भूतपूर्व सैनिक शुक्रवार से मांगों के समर्थन में बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों व मरीजों के समक्ष सुरक्षा की समस्या उत्पन्न हो गई है।

सुरक्षा प्रहरी सदर अस्पताल के इमरजेंसी, प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थिएटर, पुरुष व महिला भर्ती वार्ड, सीसीयू, इमरजेंसी के प्रवेश द्वार, ओपीडी, एएनएम टे्रनिंग सेंटर, डीपीएम व सिविल सर्जन कार्यालय आदि में ड्यूटी करते थे। उनकी ड्यूटी इमरजेंसी के भर्ती वार्ड में पहली मंजिल पर जाने के लिए नीचे मुख्य द्वार पर भी ड्यूटी लगी थी। यहां वे मरीज व उनके परिजनों से सदर अस्पताल प्रशासन से जारी पास की जांच करने के बाद उन्हें जाने की अनुमति देते थे। वह अस्पताल की सुरक्षा में शिफ्ट में 24 घंटे ड्यूटी करते थे। लेकिन, एक साथ सभी 31 गार्ड के हड़ताल पर चले जाने से सुरक्षा व्यवस्था बदहाल हो गई है।

हड़ताल से यह हो रही परेशानी

सदर अस्पताल में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि सुरक्षा गार्ड रहते थे तो वह मरीज को कतार में खड़ा कर बारी-बारी से जांच के लिए भेजते थे। लेकिन, शनिवार को मरीज सीधे चिकित्सक कक्ष में घुसकर भीड़ लगा दे रहे हैं। मना करने पर वे बहस करने लग रहे हैं। फार्मासिस्ट अशोक कुमार बताते हैं कि सुरक्षा प्रहरी जब ड्यूटी में रहते थे तब मरीज कतार में होकर काउंटर से दवा लेते थे। लेकिन, शनिवार को एक साथ कई मरीज काउंटर में पर्ची डाल दे रहे हैं। इससे परेशानी हो रही है। ए ग्रेड नर्स सह लेबर रूम इंचार्ज अनीता कुमारी ने बताया कि दिन में तो ड्यूटी किसी तरह कर ले रहे हैं। लेकिन, रात में ड्यूटी करने को लेकर वे असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

समझौता को लागू करे कंपनी

हड़ताली सुरक्षा प्रहरी का कहना है कि जब वे अक्टूबर माह में हड़ताल पर गए थे तब उन्हें कंपनी ने फिलहाल 12 हजार रुपया मासिक मानदेय देने व सुपरवाइजर को हटाने का आश्वासन देकर काम पर लौटाया गया था। लेकिन, मानदेय 10 हजार ही दिया जा रहा है। तत्कालीन सुपरवाइजर को भी दुबारा ज्वाइन करने के लिए भेज दिया गया है। यह समझौता के खिलाफ है। हड़ताल के दौरान हुए समझौता को लागू कर उसका लाभ देने की मांग को ले वे हड़ताल पर हैं।

जांच कराने का नहीं मिल रहा मौका

अखलासपुर से बुखार की जांच कराने आई 72 वर्षीया सावित्री देवी ने बताया कि डॉक्टर से जांच कराने के लिए एक घंटे से खड़ी है। लेकिन, शरीर से मजबूत लोग अंदर चले जा रहे हैं और वह देखती रह जा रही है। गार्ड रहते थे तो लाइन में खड़ा करा कर बारी-बारी से सभी को जांच कराने के लिए डॉक्टर के पास भेजते थे। लेकिन, शनिवार को अपनी मर्जी से मरीज आ-जा रहे हैं। सावित्री तो एक उदाहरण हैं। इनके जैसे कई मरीज द्वार पर ही खड़े रह जा रहे थे।

कोट

ई-लाइट फॉलकोन कंपनी द्वारा नियुक्त भूतपूर्व सैनिक अस्पताल, मरीज व स्टॉफ की सुरक्षा में नियुक्त किए गए हैं। लेकिन, शुक्रवार से वे हड़ताल पर हैं। कंपनी को पत्र लिखकर वैक्लिपक व्यवस्था करने को कहा गया है। अनुपालन नहीं होने पर कंट्रैक्ट रद्द कर दिया जाएगा।

डॉ. विनोद कुमार सिंह, डीएस

फोटो-12 जनवरी भभुआ- 19

कैप्शन- मांगों के समर्थन में सदर अस्पताल के सुरक्षा प्रहरियों के हड़ताल पर जाने से चिकित्सक कक्ष में शनिवार को जांच कराने के लिए कुछ इस कदर दिखे मरीज।

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