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कृषि विकास के लिए कैमूर को मिले एक करोड़ रुपए (बॉटम)

कृषि विभाग द्वारा किसानों को दिए जाएंगे प्रशिक्षण, बीज व कृषि यंत्र, केंद्र व राज्य सरकार ने आवंटित की है चालू वित्तीय वर्ष की...

कृषि विकास के लिए कैमूर को मिले एक करोड़ रुपए (बॉटम)
हिन्दुस्तान टीम,भभुआTue, 11 Dec 2018 07:10 PM
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कृषि विभाग द्वारा किसानों को दिए जाएंगे प्रशिक्षण, बीज व कृषि यंत्र

केंद्र व राज्य सरकार ने आवंटित की है चालू वित्तीय वर्ष की राशि

80 लाख 98 हजार मिले राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन से

27 लाख 23 हजार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से मिले

भभुआ। कार्यालय संवाददाता

कैमूर जिले में कृषि के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने एकमुश्त बड़ी रकम मुहैया कराई है। कृषि विभाग ने यह राशि से दाल, चावल, गेहूं की कमी को दूर करने के लिए उन्नत खेती को बढ़ावा देने तथा किसानों को कृषि यंत्र देने के लिए उपलब्ध कराई है। इस राशि से किसानों को वैज्ञानिक व नई तकनीक से खेती करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मिट्टी उपचार के बाद प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का भी काम कृषि विभाग करेगा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना से वित्तीय वर्ष 2018-19 में स्वीकृत 80 लाख 98 हजार 800 रुपये मिले हैं। इनमें सके केंद्रांस की राशि 4794600 रुपया, राज्यांश की राशि 3196400 रुपए तथा राज्य योजना से 107800 रुपए मिले हैं। जबकि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (हरित क्रांति) का वित्तीय वर्ष 2018-19 में स्वीकृत 2723595 रुपए प्राप्त हुए हैं। इनमें से केंद्राश की राशि 1347198 रुपया, राज्यांश की राशि 898132 रुपए तथा राज्य योजना की राशि 478265 रुपए प्राप्त हुए हैं। इसमें से कुछ वैसी राशि भी है जो पिछले साल का बकाया थी।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत जिला स्तर पर शिकायत निपटान प्रणाली के गठन का भी प्रावधान है। इस योजना का उद्देश्य दाल, गेहूं तथा चावल की पैदावार को बढ़ाने की दिशा में पहल करना है। योजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रफल तथा उत्पादकता वृद्धि को टिकाऊ बनाते हुए उत्पादन में वृद्धि करना, भूमि की उर्वरता तथा उत्पादकता को बढ़ाना एवं कृषि प्रक्षेत्रों के स्तर पर लाभकारी परिदृश्य स्थापित करना है। गेहूं, चावल और दाल की पैदावार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किसानों को राज्यों के जरिए विशेष सहायता दी जाती है।

किसानों की आमदनी बढ़ाना भी है उद्देश्य

खाद्य संकट से निबटने के लिए शुरू किए गए राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तहत विशेष सहायता इसलिए दी जाती है, ताकि किसान अपनी खेती से अच्छी पैदावार ले सकें अैर उनपर आर्थिक बोझ भी कम रहे। इस मिशन का मकसद आबादी को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाना और किसानों की आमदनी बढ़ाना भी है। हर किसान को उसकी जरूरत के मुताबिक सरकार द्वारा आर्थिक, तकनीकी और कारोबारी सहायता मुहैया कराई जाती है। किसानों को कृषि उपकरण खरीदने के लिए 50 फीसदी तक की आर्थिक मदद दी जाती है।

कृषि भूमि का किया जाता है परीक्षण

किसानों की कृषि भूमि का परीक्षण किया जाता है और उन्हें जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्वों और अन्य रसायनों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। किसानों के लिए तमाम जरूरी चीजें मुहैया कराई जाती हैं। इस मिशन में ग्राम पंचायतों का भी खासा योगदान रहता है।

हरित क्रांति से होनेवाले फायदे

हरित क्रांति से फसलों के उत्पादन में अपार वृद्धि हुई। फसल की उन्नत किस्मों का उत्पादन शुरू करने से खेतिहर मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे और कृषि व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को उचित सुविधाएं मिलेगी। आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल भी बढ़ेगा। कहते हैं कि हरित क्रांति की शुरुआत वर्ष 1966-67 में हुई थी। इस दौरान कृषि के क्षेत्र में कई परिवर्तन दिखे। अब कैमूर के किसान पारंपरिक खेती छोड़ आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल कर अच्छी उपज कर रहे हैं। कृषि के क्षेत्र में इसे एक नये युग की शुरुआत भी माना जा रहा है।

कोट

विभाग से दो योजनाओं से राशि भुगतान किए जाने की स्वीकृति मिली है। लेकिन, अभी तक जिले में राशि नहीं आई है। एक सप्ताह में राशि प्राप्त हो जाएगी।

ललीता प्रसाद, डीएओ, कैमूर।

फोटो- 11 दिसंबर भभुआ- 15

कैप्शन- भगवानपुर प्रखंड के जैतपुर गांव के पहाड़ की तलहटी में लगी चना की फसल।

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