दर्शकों ने देखा कैसे बर्बाद होता है हंसता-खेलता परिवार
छोटी बात पर उत्पन्न कलह ने जूझा दिया आर्थिक तंगी व कुफूत से, गम्हरियां गांव में प्रस्तुत किए गए नाटक से सीख लेकर घर लौटे...
छोटी बात पर उत्पन्न कलह ने जूझा दिया आर्थिक तंगी व कुफूत से
गम्हरियां गांव में प्रस्तुत किए गए नाटक से सीख लेकर घर लौटे दर्शक
रामपुर। एक संवाददाता
शनिवार की रात जय मां दूर्गा पूजा समिति नवयुवक संघ गम्हरियां द्वारा कलह उर्फ कुफूत नामक भोजपुरी नाटक का मंचन किया गया। उद्घाटन विधायक रिंकी रानी पांडेय व बीडीसी रीना देवी ने किया। नाट्क के पात्र अपनी कला के माध्यम से संयुक्त परिवार में कैसे कलह उत्पन्न हो जाता है और लोग आर्थिक तंगी से जूझने लगते हैं तथा इसका असर परिवार के मुखिया पर किस तरह पड़ता है बताने का प्रयास किया। कलाकारों ने परिवार की खुशी के लिए क्या कदम उठाया जाना चाहिए पर भी प्रकाश डाला गया था।
नाट्क में एक परिवार में सास, ससुर, बेटा व बहु हंसी-खुशी के साथ रह रहे हैं। एक छोटी सी बात को लेकर अचानक परिवार में कलह पैदा हो जाता है, जिससे पूरा परिवार आर्थिक तंगी व अन्य परेशानी से घिर जाता जाता है। परिजनों की परेशानी देख घर के मुखिया के दिलोदिमाग में कुफूत समा जाता है। देखते ही देखते हंसता-खेलता परिवार बर्बाद हो जाता है। पूरी रात दर्शकों ने नाटक को देखा और इससे सीख लेकर अपने घर लौटे।
खलनायक कलावती के रूप में दिलीप सिंह, पति संजय के रूप में बालेश्वर सिंह, ससुर भजन के रूप में जीतेन्द्र व सास शांति के रूप में मनोज गुप्ता ने पाठ अदा किया। इस नाटक में सुशील राम, मनमोहन, धर्मेन्द्र सिंह, मुकेश, कमलेश, उमाशंकर आदि कलाकारों की कला सराही गई। हास्य कलाकार फरचटवा बने भानू सिंह व खरचटवा बने बिगन राम की बातों को सुन कर बीच-बीच में दर्शक खूब ठहाके लगाते रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्यारेलाल भारती, संचालन विजय सिंह व निदेशक 80 वर्षीय तेजबली सिंह रहे। देख कर दर्शकों ने खुब सराहा। मौके पर मुखिया अरविंद सिंह, नंदन सिंह, सुभाष पासवान, रामबली राम, वार्ड सदस्य कपिलमुनि सिंह, समाजसेवी पेड़ा सिंह आदि थे।
फोटो- 21 अक्टूबर भभुआ- 10
कैप्शन- रामपुर प्रखंड के गम्हरिया गांव में शनिवार की रात कलह उर्फ कुफूत नामक भोजपुरी नाटक का मंचन कतरे कलाकार।