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कैमूर में मिला डेंगू पीड़ित, डॉक्टरों ने किया रेफर

डेंगू पीड़ितों के बचाव के स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, बनाया गया विशेष वार्ड, बोले सीएस, डेंगू मरीजों की जांच के लिए किट व दवाएं अस्पताल में...

कैमूर में मिला डेंगू पीड़ित, डॉक्टरों ने किया रेफर
हिन्दुस्तान टीम,भभुआMon, 15 Oct 2018 08:00 PM
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डेंगू पीड़ितों के बचाव के स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, बनाया गया विशेष वार्ड

बोले सीएस, डेंगू मरीजों की जांच के लिए किट व दवाएं अस्पताल में उपलब्ध

भभुआ। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

सदर अस्पताल में अपने स्वास्थ्य की जांच कराने आए एक मरीज के डेंगू पीड़ित होने की पुष्टि होने के बाद डॉक्टरों ने उसे वाराणसी के बीएचयू में रेफर कर दिया। पीड़ित हनुमान कुमार सिकठी गांव का निवासी है। जांच में डेगू एनएसआई एजी पॉजिटिव रिपोर्ट आई। मेडिकल अफसरों ने बताया कि हनुमान आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में काम करता है। वहीं उसकी तबीयत खराब हुई थी। नहीं ठीक होने पर वह यहां आया था।

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए मच्छर से बचाव जरूरी है। मच्छरदानी लगाकर सोएं। घर के पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी बार-बार बदले। गमला में पानी न छोड़ें। डेढ़ से ढाई लाख प्लेटलेट सामान्य रहता है। साफ पानी में डेगू मच्छर रहता है। यह दिन में काटता है। जांच में डेगू पॉजिटिव रहने पर प्लेटलेट चढ़ाना पड़ता है। मरीज को पारासीटामोल व मल्टी बिटामिन देकर बेडरेस्ट करने की सलाह दी जाती है।

कोट

डेंगू को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है। सदर अस्पताल में चार बेड वाले पेइंग वार्ड को इसके लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है। पीड़ितों की जांच के लिए फिलहाल सदर अस्पताल में 20 किट उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर और किट मंगाई जाएगी।

डॉ. मिथिलेश झा, सिविल सर्जन

डेंगू जांच के तरीके

वर्तमान में डेंगू जांच के लिए रेपिड डाइग्नोस्टिक किट का भी इस्तेकमाल किया जाता है। हेमेगुलीटिनीशन इनहीबिशन टेस्ट तथा एलीसा सेरोलोजिकल टेस्ट से भी डेंगू विषाणुओं की पहचान की जा सकती है। इनमें एलीसा टेस्ट कम खर्चीला और करने में आसान तथा तुरंत परिणाम देने वाला होता है। आमतौर पर सिवियर और साधारण मलेरिया जांच के लिए रैपिड टेस्ट जांच को जरूरी बताया गया है, जिसमें रक्त में फैलसिपेरम प्लाज्मोडियम की उपस्थिति को आरबीसी के आधार पर गिना जाता है। इसके अलावा रीयल टाइम पीसीआर (पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) टेस्ट से भी डेंगू की जांच की जाती है।

रक्त जांच अनिवार्य है

एडीस नामक मच्छर के काटने से डेंगू होता है।

ये मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटता है।

डेंगू की पहचान के लिए रक्त जांच अनिवार्य होती है।

रेपिड डाइग्नोस्टिक किट का भी इस्तेमाल किया जाता है।

डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है।

प्लेटलेट्स टूटी-फूटी रक्त वाहिकाओं को ठीक करती है।

डेंगू में शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने शुरू हो जाते हैं।

डेंगू बुखार के लक्षण

ठंड के साथ अचानक तेज बुखार होना।

सरदर्द, गले में दर्द, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।

अत्यधिक कमजोरी महसूस होना और भूख कम लगना।

शरीर पर ददोरे पड़ना।

फोटो- 15 अक्टूबर भभुआ- 10

कैप्शन- सदर अस्पताल परिसर के इसी पेइंग वार्ड को बनाया गया है डेंगू पीड़ितों के लिए स्पेशल वार्ड।

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