नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी को 15 वर्ष की सजा
घटना के चौदह माह बाद आया न्यायालय का फैसला, लगा 50 हजार रुपया अर्थदंड, अर्थदंड की राशि नहीं देने पर अदालत ने छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा...
घटना के चौदह माह बाद आया न्यायालय का फैसला, लगा 50 हजार रुपया अर्थदंड
अर्थदंड की राशि नहीं देने पर अदालत ने छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई
भभुआ। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
एडीजे प्रथम रामरंग तिवारी की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सोमवार को एक आरोपित को पंद्रह वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अपने फैसले में 15 वर्ष के सश्रम कारावास, 50 हजार रुपया अर्थदंड व अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अर्थदंड की 80 प्रतिशत राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। सजा पाने वाला आरोपित छेदी बिंद जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के मातर गांव का है।
बताया गया है कि घटना 2 सितम्बर 2017 की 12.45 बजे रात में जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग अपने घर के आंगन में अकेली सोई थी। उसके माता व पिता मजदूरी करने वाराणसी चले गए थे। उसी समय आरोपित छेदी बिंद उसके घर में घुस गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। गांव के एक व्यक्ति के आ जाने पर आरोपित भाग निकला। पीड़िता द्वारा महिला थाने में आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में आरोपित को दोषी पाते हुए कोर्ट ने उक्त सजा सुनाई। अदालत में विशेष लोक अभियोजक प्रसिद्ध सिंह ने सरकार की ओर से पैरवी की।