हजरत इमाम हुसैन की कब्र का प्रतीक रूप है ताजिया
ताजिये के आगे बैठकर मातम करते और मर्सिये पढ़ते रहे अकीदतमंद, बांस, स्टील, कपड़े, शीशा, मोती, पन्नी से तैयार ताजिये थे खूब...
ताजिये के आगे बैठकर मातम करते और मर्सिये पढ़ते रहे अकीदतमंद
बांस, स्टील, कपड़े, शीशा, मोती, पन्नी से तैयार ताजिये थे खूब आकर्षक
भभुआ। कार्यालय संवाददाता
जुलूस में कलात्मक ढंग से सजाये गये ताजिये शामिल किये गये थे। कहीं-कहीं सिपर भी बनाये गये। ताजियों की जियारत करने के लिए अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। बांस की कमाचियों पर रंग-बिरंगे कागज व कपड़ों पर शीशा, पन्नी, मोती, झालर आदि से ताजिये आकर्षक ताजिये तैयार किए गए थे। मकबरे के आकार का मंडप हजरत इमाम हुसैन की कब्र के प्रतीक रूप में ताजिये तैयार किए गए थे, जिसके आगे बैठकर अकीदतमंद मातम करते और मर्सिये पढ़ते रहे।
मुहर्रम के ग्यारहवें दिन यानी शनिवार को जलूस के साथ ताजिये को कर्बला में ले जाकर दफन किया जाएगा। ताजिया हजरत इमाम हुसैन कि याद में बनाया जाता है। इमाम हुसैन की कब्र की नकल को उर्दू में ताजिया कहा जाता है। मुहर्रम की 10वीं तारीख यानी जुमे के रोज हुसैन की शहादत की याद में गम और शोक के प्रतीक के तौर पर ताजिया जुलूस निकाला गया। जुलूस इमामबारगाह से निकलकर ताजिये को ग्यारहवीं को कर्बला में पहलाम किया जाएगा।