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ताजिये के साथ निकाला गया अलम का जुलूस

अपने निश्चित समय पर तयशुदा रास्ते से शांतिपूर्वक शहर में किया गश्त, या हुसैन-या हुसैन की सदा व नोहों की बोल पर मातम मनाते जा रहे थे...

ताजिये के साथ निकाला गया अलम का जुलूस
हिन्दुस्तान टीम,भभुआFri, 21 Sep 2018 07:44 PM
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अपने निश्चित समय पर तयशुदा रास्ते से शांतिपूर्वक शहर में किया गश्त

या हुसैन-या हुसैन की सदा व नोहों की बोल पर मातम मनाते जा रहे थे लोग

11 बजे दिन से शहर में निकलने लगा था जुलूस

08 बजे रात के करीब चौक पर लौटने लगे ताजिये

भभुआ। कार्यालय संवाददाता

हजरत अब्बास अलमदार की याद में शहर के विभिन्न इमाम चौक से ताजिये के साथ अलम का जुलूस निकला। जुलूस अपने निश्चित समय पर तयशुदा रास्ते से शांतिपूर्वक शहर में गश्त किया। सबीहे अलम ताबुत के साथ निकाले गए मुहर्रम के जुलूस में काफी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की। या हुसैन-या हुसैन की सदा व नोहों की बोल पर मातम करता हुआ जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से गुजरा तो लोगों के हृदय द्रवित हो उठे। जुलूस में शबीह-ए-अलम, शबीह-ए-ताबुत व मासूम बच्चे का शबीह-ए-ताबुत निहायत अकीदत व एहतराम से शामिल कर शहीदों को याद किया गया। जुलूस में शामिल बूढ़े, जवान व बच्चे नम आंखों से मातम करते रहे।

शहर में मुहर्रम के जुलूस के दौरान जगह-जगह तनजीमों द्वारा खिचड़ों का फातेहा व लंगर तकसीम किया गया, जहां काफी संख्या में अकीदतमंदों ने ग्रहण किया। शर्बत व पानी पिलाने का भी प्रबंध किया गया। क्योंकि यजीदी फौज ने पानी तक पर प्रतिबंध लगा दिया था और छह माह के मासूम के लिए पानी भरकर ले जाए जा रहे बर्तन में तीर मार दिया था। शहर के एकता चौक, सीवों चौक, कचहरी पथ, सीवों पथ में अकीदतमंदों की भीड़ से आने-जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था। उक्त पथों में वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद हो गया था।

मुहर्रम पर ताजिये व जुलूस देखने के लिए ग्रामीण इलाकों से काफी संख्या में लोग भभुआ शहर में आए थे। यह देखते हुए शहर के एकता चौक, जेपी चौक, कचहरी पथ में जगह-जगह चाट-पकौड़ा, चाउमिन, छोला-भटूरा, गोलगप्पा की सैकड़ों दुकानें जेपी चौक, एकता चौक व सीवों चौक के आसपास लगी थीं, जहां बच्चों की टोली चटकारा लेकर खाते दिखी। कुछ बच्चे अपने घर के लोगों के साथ आए थे तो कुछ अपने मित्रों के साथ। जिसे जो इच्छा होती पैसा देता और अपनी पसंद की खाद्य सामग्री खरीदकर खा लेता।

यहां से निकले ताजिये, गेट व अखाड़े

सदर ताजिया नवाबी मुहल्ला के सदर अफताभ आलम ने बताया कि भभुआ शहर के नवाबी मुहल्ला, इस्लाम नगर, दखिन मुहल्ला, शक्ति नगर, फारुकी नगर, कुरैशी मुहल्ला, छावनी मुहल्ला, रामपुर कॉलोनी समेत 14 मोहल्लों से जुमे के रोज ताजिये निकाले गए। दखिन मुहल्ला, शक्ति नगर, फारुकी नगर, नथुनी बनिया की गली के पीछे से गेट निकाले गए थे। नगर परिषद क्षेत्र के नवाबी मुहल्ला से दो तथा दखिन मुहल्ला, शक्तिनगर, छावनी मुहल्ला व फारुकी नगर से एक-एक अखाड़ा निकाला गया।

नवाबी मुहल्ला में हुआ ताजिये का मिलन

सदर ताजिया के सदर के अनुसार, नवाबी मुहल्ला के जामा मस्जिद के पास शहर के सभी ताजियों का मिलन हुआ। इसके पहले सभी ताजियेदार के नेतृत्व में विभिन्न मुहल्लों से ताजिये निकाले गए, जो नवाबी मुहल्ला में पहुंचे और वहां से महावीर स्थान होते हुए पूरब पोखरा तक गए। यहां से वापसी सीवों चौक पर हुई। फिर सीवों चौक से एकता चौक, जयप्रकाश चौक तक अकीदतमंद गए। वहां से लौटकर अकीदतमंदों ने अपने-अपने मुहल्लों के इमाम चौक पर ताजिये को रख दिए। फिर रात में करीब 11 बजे ताजिये के साथ जुलूस निकाला गया। नवाबी मुहल्ला में पहुंचे अकीदतमंदों ने जुमे की नमाज पुरानी जामा मस्जिद में पढ़ी।

हक और बातील के लिए हुई थी जंग

कर्बला के मैदान में यजीदी फौज व पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन के बीच हक और बातील को लेकर ऐतिहासिक जंग हुई। इमाम हुसैन ने अपनी जान की कुर्बानी कुबुल की। मगर अन्याय के सामने सर न झुकाया। उनकी कुर्बानी से ही इसलाम व इंसानियत की रक्षा हुई। इमाम हुसैन की इस कुर्बानी व जंग के मंजर को याद करते हुए सुन्नी समाज के लोगों द्वारा ताजिये व सिपर निकाले गये। जुलूस में शामिल लोगों द्वारा जंग के दौरान होने वाले फन-ए-सिपहगिरी का भी प्रदर्शन किया गया।

सुरक्षा का था पुख्ता इंतजाम

जिला प्रशासन ने मुहर्रम के दौरान सुरक्षा व विधि-व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया था। जुलूस के साथ दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी तथा जवान चल रहे थे। इसके अलावा चौक-चौराहों पर भी इनकी प्रतिनियुक्ति की गई थी। शहर से लेकर कर्बला तक सुरक्षा का प्रबंध किया गया था। शहर के एकता चौक, जेपी चौक, पटेल चौक, सीवों चौक, कचहरी पथ, समाहरणालय पथ, सब्जी मंडी रोड, नवाबी मुहल्ला आदि इलाकों में पुलिस को गश्त लगाते देखा गया। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी सुरक्षा व विधि-व्यवस्था का जायजा लेते देखे गए।

समाजसेवी भी दिखे सक्रिय

मुहर्रम जुलूस के दौरान शहर के समाजसेवी भी सक्रिय दिखे। वे हर पल की खबर अधिकारियों को देते देखे गए। बिरजू पटेल व रमजान अंसारी ने बताया कि उन्हें प्रशासन ने नामित किया है। वैसे इस कार्य में शहर के 42 समाजसेवी लगाए गए हैं। कहीं किसी तरह का विवाद न हो इसका खास ख्याल रखा जा रहा है। डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी व एसपी नताशा गुड़िया के निर्देश पर उनकी पहचान के लिए उन्हें बैच भी मुहैया कराया गया था।

बांटे गए शर्बत, खिचड़ा, बिस्कूट, छोहाड़ा

गाजीबाबा साहब के मजार की तरफ से हैदर राइन, नियामत राइन, सरफराज राइन खिचड़ा, मेराज राइन, कलामु राइन, वार्ड 23 के ताहिद राइन द्वारा शर्बत व खिचड़ा, वार्ड 23 के नेशार शेख द्वारा शर्बत, खिचड़ा, बिस्कूट, छोहाड़ा, एकता चौक पर इरफान राइन द्वारा अकीदतमंदों के बीच खिचड़ा बांटा गया।

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