ईद की खुशी में हिन्दू के घर भी बनता है पकवान
दोनों समुदाय के बच्चे पहनते हैं नया कपड़ा, अभिभावक देते हैं ईदी, होली व दशहरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों के घर भी होता है...
दोनों समुदाय के बच्चे पहनते हैं नया कपड़ा, अभिभावक देते हैं ईदी
होली व दशहरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों के घर भी होता है ऐसा
चांद। एक संवाददाता
चांद प्रखंड का धोबहां एक ऐसा गांव है, जहां ईद की खुशी सिर्फ मुस्लिम ही नहीं हिन्दू सम्प्रदाय के लोग भी मनाते हैं। दोनों समुदाय के घरों में पकवान बनता है। पर्व पर बच्चों को नए कपड़े उपलब्ध कराए जाते हैं। ईदी भी दी जाती है। घर के बड़े-बुजुर्ग भी इस खुशी में शामिल होते हैं। गांव की यह परंपरा प्राचीन है, जिसे हर नई पीढ़ी इसे बरकरार रखे हुई है। इस गांव में कभी आपस में टकराहट नहीं हुई। कुछ समस्या आई, तो ग्रामीण मिल-बैठकर आपस में सुलझा लेते हैं। इसीलिए दूसरे गांव के लोग भी धोबहां को साम्प्रदायिक सौहार्द व एकता की मिसाल मानते हैं।
ईद का इंतजार सबसे ज्यादा बच्चे कर रहे थे। क्योंकि उन्हें ईदी मिलने के साथ-साथ खाने के लिए एक से बढ़कर एक पकवान मिलते हैं। नए कपड़े पहनने व अपने दोस्तों के साथ मस्ती करने का मौका भी मिलता है। गांव के बैजनाथ प्रजापति, रामअशीष प्रजापति एवं राजदुलारे पांडेय के घर भी ईद पर्व पर पकवान बना है। इनके बच्चे नये कपड़े पहनकर चहक रहे हैं। अभिभावक नईम मियां अपने दरवाजे पर आने वाले गांव के लोगों से गले मिलकर उन्हें ईद की बधाई दे रहे हैं। खातिरदारी कर रहे हैं। सेवइयां खिला रहे हैं।
आलीम, शकीना और अरशद अपने दोस्तों मोनू व रिया के घर पहंुचकर ईद की बधाई देकर उनके घर बने पकवान को चटकारा लगाकर खाए। सनाऊ बताते हैं कि होली हो या दशहरा पूरे गांव के लोगों के घर सेवई, पूड़ी, खीर एवं बढ़ियां सब्जियां पकाई जाती है। बच्चों के लिए नए कपड़े भी सिलवाए जाते हैं। धोबहा गांव में 450 मतदाता यानी करीब दो हजार आबादी निवास करती है।