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गर्मी बढ़ी तो शहरवासियों को रुलाने लगी बिजली

लो वोल्टेज की समस्या भी उपभोक्ताओं को कर रही है परेशान, सुविधा के लिए घरों में लगाए गए यंत्र का पूरा नहीं मिल रहा...

गर्मी बढ़ी तो शहरवासियों को रुलाने लगी बिजली
हिन्दुस्तान टीम,भभुआSat, 19 May 2018 02:54 PM
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लो वोल्टेज की समस्या भी उपभोक्ताओं को कर रही है परेशान

सुविधा के लिए घरों में लगाए गए यंत्र का पूरा नहीं मिल रहा लाभ

02 घंटा 27 मिनट सुबह में बिजली आपूर्ति रही बाधित

38 मिनट तक बिजली दोपहर में भी नहीं हो सकी आपूर्ति

भभुआ। कार्यालय संवाददाता

गर्मी बढ़ी तो शहरवासियों को बिजली रुलाने लगी। लो वोल्टेज की समस्या अलग परेशान कर रही है। इन कारणों से घरों में लगे विद्युत संचालित यंत्र का उपभोक्ता पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। बिजली की कमी से मोटर, पंखा, फ्रीज, कूलर बेकार साबित हो रहे हैं। सुबह में करीब 8.30 बजे बिजली काटी गई। दिन में 10.57 में इसकी आपूर्ति शुरू हुई। पता चला छावनी मुहल्ला में विद्युत बोर्ड द्वारा काम चल रहा था। इस कारण बिजली आपूर्ति बाधित थी। हालांकि बिजली आपूर्ति दुबारा दोपहर में 12.38 से 1.26 बजे तक बाधित हुई।

भीषण गर्मी में बिजली आपूर्ति बाधित रहने से सबसे ज्यादा परेशानी वृद्धों व बच्चों को हो रही है। तीखी धूप के कारण घर की दीवारें गर्म हो जा रही है। हवा भी गरम चल रही है। ऐसे में जब बिजली गुल रह रही है, तब न घर व दरवाजे पर बैठने पर सकून मिल रहा है और न बाहर निकलने पर। टंकी का पानी भी दस मिनट के बाद गर्म हो जा रहा है। उसके पीने से लोगों की प्यास भी नहीं बूझ रही है। थोड़ा सा पीने के बाद फिर प्यास लग जा रही है। बांस के पंखे की हवा से गर्मी से निजात नहीं मिल रही है।

रोजेदार रहे परेशान

शहर के रमजान अंसारी, वकील अहमद ने बताया कि रमजान का महिला चल रहा है। पूरे दिन उन्हें उपवास रहना पड़ रहा है। गर्मी के इस मौसम में शरीर को ठंडा रखना जरूरी रहता है। लेकिन, बिजली गुल हो जाने से ऐसा लग रहा है, मानो तबीयत खराब हो जाएगी। उन्होंने बिजली बोर्ड के अधिकारियों से गुजारिश की है कि जितना संभव हो कम से कम बिजली काटी जाए, ताकि रोजेदारों को परेशानी न हो सके।

क्या कहती हैं गृहणी

शहर की राधिका देवी ने बताया कि बच्चों का नाश्ता तैयार कर स्कूल भेजने के बाद जैसे ही बर्तन धोकर घर साफ कर रही थी बिजली कट गई। स्नान करना था और भोजन भी पकाना था। टंकी का पानी खत्म हो गया था। अब वह क्या करें समझ में नहीं आया। जब बच्चे मध्यांतर में स्कूल से भोजन करने आए तो उन्हें खाना भी नहीं मिल सका। पांच-पांच रुपया देकर बाजार में कुछ खा लेने के लिए कहकर स्कूल भेज दिया। ड्यूटी में जानेवाले उदय सिंह भी बची दो रोटियां ही खाकर कार्यालय गएं।

क्या कहते हैं अधिकारी

विद्युत बोर्ड के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सीएलडी से बिजली पर्याप्त मिल रही है। तकनीकी कारणों से कभी-कभी बिजली बाधित रह रही है। सुबह में छावनी मुहल्ला में कुछ खराबी आई थी। उसे दुरूस्त कर बिजली आपूर्ति शुरू की गई।

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