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पंचायत के विकास में चार चांद लगा रहा अमांव

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पंचायत के विकास में चार चांद लगा रहा अमांव
हिन्दुस्तान टीम,भभुआFri, 16 Apr 2021 08:30 PM
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पंचायत की खबर

पंचायत के विकास में चार चांद लगा रहा अमांव

पंचायत का सरकार भवन

पांइटर

आधी रात में भी पहुंच सकते हैं पंचायत के विभिन्न गांव के घरों में।

गांव की गलियां है चकाचक।

शिव नगरी के नाम से जाना जाता है अमाव पंचायत मुख्यालय।

धरोहर के रूप में मौजूद है पंचायत का दयाल नाथ का मंदिर।

परिचय

प्रखंड- चैनपुर

पंचायत का नाम- अमंाव

इंफो

कुल मतदाता-7000

कुल आबादी- 28000

4 गांव है मौजूद जिसमें अमाव, लोदीपुर ,खरिगावा तथा तिवइ गांव है शामिल।

14 वार्डों में विभक्त है पंचायत।

कोट

पंचायत में जिस रफ्तार से विकास होनी चाहिए थी नहीं हो पाया। योजनाओं को सही तरीके से धरातल पर नहीं उतारा गया।

प्रतिद्वंदी- रीता देवी

फोटो- रीता देवी

कोट

पंचायत का विकास इमानदारी पूर्वक की हूं। किसी को भी निराश नहीं लौटने दिया। जनता ने जो जिम्मेवारी मुझे सौंपी थी हमने उसका भरपूर पालन किया है। पंचायत के कुछ वार्डों में शेष काम रह गए हैं जिसे पूरा करना जरूरी था परंतु अवधि समाप्त होने के चलते कुछ कार्य अधूरे बचे हैं।

मुखिया मंजु देवी

फोटो- मंजू देवी

उपलब्धियां

पंचायत मुख्यालय की लगभग सभी गलियों को पीसीसी कराते हुए नाली निर्माण की दिशा में भी अच्छे काम किए गए हैं।

महज तीन वार्डों में पंचायत की ओर से नल जल योजना का काम कराना था जिसमें 6 ,9 व 11 वार्ड शामिल है वार्ड सदस्यों के माध्यम से इस कार्य को पूरा करवाया और हर घर को शुद्ध नल का जल दिया जा रहा है।

कमोवेश 14 वार्ड में विकास के काम किए गए।

मनरेगा के तहत इतने कार्य हुए जिसके लिए लोग दांतो तले उंगली दबाते हैं।

नाकामियां

- सात निश्चय से पेयजल आपूर्ति अनिश्चय की स्थिति में है। 6 ,9 एवं 11 वार्ड को छोड़कर शेष वार्डों में नल-जल योजना से आपूर्ति बिल्कुल ठप है। शेष नल-जल योजनाएं भी जलापूर्ति की कसौटी पर फ्लॉप है। जमीन उपलब्ध होने के बाद भी खेलकूद मैदान पंचायत में उपलब्ध नहीं हो पाया है ,साथ ही वार्ड नंबर 8 में कुछ नाले एवं गलियों का पुनरुद्धार करना बाकी रह गया है।

- वार्ड नंबर 1,2,3,4,5,7, 8 ,10, 12, 13 एवं 14वार्ड मैं नल जल का काम पीएचइडी विभाग द्वारा कराया ्गया है। कुल मिलाकर किसी भी वार्ड में पेयजल की स्थिति संतोषजनक नहीं है। पाइप बिछाने के लिए तोड़े गए गली को भी इसी तरह छोड़ दिया गया है।

इंट्रो

प्रखंड का अमाव पंचायत विकास की रफ्तार देने में पीछे नहीं है। यहां के प्रत्येक गांव में जाने के लिए पक्की सड़कों के अलावे सुंदर गलियां भी मौजूद है। एनएच 19:00 पर बसाया पंचायत मुख्यालय भौगोलिक बनावट की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। पंचायत में कुल 14 वार्ड हैं तथा चार बड़े बड़े गांव हैं इसमें 28000 से ज्यादा आबादी वाले लोग निवास करते हैं। चुकि यह पंचायत मुख्य सड़क पर स्थित है तथा बाजार से बिल्कुल सटा हुआ है। शिव नगरी के नाम से प्रसिद्ध इस गांव को बड़ा अमाव पंचायत के नाम से भी जाना जाता है।

पंचायत के खरिगांवा में है स्वास्थ्य उपकेंद्र

पंचायत मुख्यालय का यह गांव कालांतर से काफी प्रसिद्ध रहा है। यहां कायस्थो की जमीन दारी रही है तथा अच्छे-अच्छे पदों पर भी लोग समृद्धशाली रहे हैं। जिनके चलते इस गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र जो आजकल अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के नाम से जाना जाता है प्राचीन समय से ही स्थापित है। इस अस्पताल का इतिहास अपने आप में काफी गौरवशाली रहा है पहले यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम से जाना जाता था इससे पहले वह औषधीय अस्पताल के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुका था, यहां अच्छे अच्छे डॉक्टर मरीजों का बेहतर इलाज करते थे जो प्रखंड के सुदूर क्षेत्रों में भी अपनी ख्याति प्राप्त कर चुका है परंतु आज सरकारी उपेक्षा के चलते यह अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है।

पंचायत भवन: काफी दिनों से लोहिया भवन में चलता है परंतु अभी वर्तमान में या पंचायत सरकार भवन में चला गया है। इस पंचायत का पंचायत सरकार भवन देखने लायक है।

पंचायत सरकार भवन पंचायती राज व्यवस्था के मकसद पर खरा उत्तरा है। पंचायत मुख्यालय में बना यह पंचायत सरकार भवन कैमूर जिले का एक नजीर पेश करता है। इस जगह पर आने के बाद हर कोई अधिकारी अमाव के पंचायत सरकार भवन का अन्य जगहों पर उदाहरण देते हैं। क्योंकि इसकी रंगाई पुताई से लेकर भवन के भीतर एवं बाहर जिस तरीके से इसका रंग रोगन एवं रखरखाव किया जा रहा है वह निश्चित रूप से काबिले तारीफ है। बीते वर्ष कोविड-19 के प्रकोप में क्वारांटाइन किए गए लोगों ने यहां की विधि व्यवस्था रहन-सहन को देखकर काफी तारीफ किया था। प्राकृतिक छटा को भी यह काफी हद तक तालाब होने का लाभ उठाता है।

रोजगार के अवसर

ईंट भट्टा उद्योग व चावल कारोबार से मिल रहा है रोजगार

पंचायत में रोजगार के कोई समुचित साधन नहीं होने के बावजूद भी यहां के लोग काफी समृद्ध शाली हैं। वजह यह है कि यह पंचायत सड़क पर स्थित है आसपास में ईट भट्टे हैं चावल बनाने की छोटी छोटी मशीन मिले हैं तथा खेतों में सब्जी की फसल तैयार कर बाजारों में बेचकर लोग रोजी रोजगार तलाश लेते हैं। साथ ही मुख्य सड़क से जुड़े होने के नाते छोटे छोटे वाहनों को रखकर किराया पर सवारी यात्रियों को पहुंचाकर रोजगार तलाशी लेने में माहिर है।

हालांकि खरिगांवा बाजार का विकास नहीं हो ना ग्रामीणो को रोजगार के अवसर बेहतर नहीं मिल पा रहे हैं।

सिंचाई के साधन

चार गांवों मैं सिंचाई के साधन नहर आहार एवं समरसेबल एकमात्र सहारा है। नहर के पानी खेतों तक आते हैं परंतु यह सिर्फ छलावा मात्र ही है क्योंकि जगदंबा जलाशय से निकली नहर सिंचाई के लिए पर्याप्त नहीं है।

मत्स्य व मुर्गा फॉर्म से मिल रहा रोजगार

पंचायत में समृद्ध कारोबार के अवसर पहले से उपलब्ध हैं। पंचायत व इसके अगल- बगल में दर्जन भर ईंट भट्ठे हैं। इन भट्ठों पर सैकड़ों बाहर के मजदूर रहते हैं। इससे किराना दुकान, सब्जी दुकान व आवश्यक सामग्री की दुकानें खोल कर स्थानीय लोग कमाई कर रहे हैं। मजदूरों को रोजगार मिल जाता है। चावल कारोबार के साथ साथ जगह जगह छोटे छोटे उद्योग धंधे भी खुल गए हैं। आरओ प्लांट, मत्स्य पालन, मुर्गा फॉर्म कारोबार से भी समृद्धि आई है।

फोटो परिचय

16-भभुआ-10-ग्राम पंचायत अमांव में बना आर्कषक पंचायत सरकार भवन

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