पूर्ण दृष्टि बाधित बच्चों का 90 दिवसीय स्पर्श प्रशिक्षण शुरू (युवा पेज)
शिक्षा, खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने के साथ आत्मनिर्भर भी बनाए जाएंगे बच्चों में आत्मबल बढ़ाने के लिए ट्रेंड प्रशिक्षक द्वारा दिया जा रहा है...

शिक्षा, खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने के साथ आत्मनिर्भर भी बनाए जाएंगे
बच्चों में आत्मबल बढ़ाने के लिए ट्रेंड प्रशिक्षक द्वारा दिया जा रहा है प्रशिक्षण
रामपुर, एक संवाददाता। प्रखंड बीआरसी में चलने वाला 90 दिवसीय पूर्ण दृष्टि बाधित बच्चों का स्पर्श प्रशिक्षण शुक्रवार से शुरू किया गया। इस दौरान बीआरपी शशि प्रकाश ने बताया कि इस प्रकार के बच्चें समान्य बच्चों से कम मेधावी नहीं होते हैं। इन्हें प्रशिक्षित कर दिया जाए तो काफी आगे निकल सकते हैं। इनमें आत्मबल के लिए प्रशिक्षण की जरूरत है। इसलिए ऐसे बच्चों को शिक्षा देने के लिए बीआरसी में 90 दिवसीय आवासीय स्पर्श प्रशिक्षण शुरू किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उक्त बच्चे न सिर्फ शिक्षा ग्रहण करेंगे, बल्कि खेलकूद प्रतियोगिता में भी शिरकत करेंगे और आत्मनिर्भर बनने की ओर भी अग्रसर करेंगे। ऐसे बच्चों को समाज के मुख्यधारा से जोडने के लिए प्रशिक्षत किया जा रहा है। बीआरपी ने बताया कि 6 से 14 वर्ष आयु के पूर्ण दृष्टिबाधित बच्चों का नामांकन किया गया है। इन्हें 90 दिनों का आवासीय स्पर्श प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षक के रूप में हरदेश उपाध्याय, केशव शर्मा, रामाशंकर तिवारी हैं।
केआरपी व शिक्षा सेवकों की हुई कार्यशाला
भभुआ। शहर के नगरपालिका मध्य विद्यालय में अक्षर आंचल योजना के तहत केआरपी व शिक्षा सेवकों की कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें महादलित, दलित, अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को बेहतर अक्षर आंचल योजना के तहत शिक्षा देने की जानकारी दी गई एवं टिप्स दिए गए। कार्यशाला में डॉ. बाबूलाल राम, शिवाकांत व किरण कुमारी ने शिक्षा सेवकों को प्रशिक्षित किया। मौके पर मदन प्रसाद चौरसिया, महेंद्र कुमार सिंह, नागेंद्र प्रसाद, सुशीला देवी, रामसुरेश राम, मंजू कुमारी, तमन्ना खातून, विजय कुमार, अनुराधा कुमारी, मोहन चौधरी, रमेश प्रसाद, प्रेमसागर पासी, अजीत कुमार आदि मौजूद थे।
