जलजमाव के कारण परिवार को छोड़े थे गांव में
मकान के आसपास एक माह से जलजमाव के चलते वे पत्नी लालसा देवी व बेटी मनीषा को गांव में रख दिए थे। गांव से संध्या समय रात का खाना लेकर वापस शिवनगर आ जाते थे। 14 अगस्त की शाम 6:30 बजे वे गांव से बानुछापर...
मकान के आसपास एक माह से जलजमाव के चलते वे पत्नी लालसा देवी व बेटी मनीषा को गांव में रख दिए थे। गांव से संध्या समय रात का खाना लेकर वापस शिवनगर आ जाते थे। 14 अगस्त की शाम 6:30 बजे वे गांव से बानुछापर पहुंचे। मोहल्ले के एक व्यक्ति के घर में बाइक लगाकर घर में चले गए। 15 अगस्त की सुबह नौ बजे वे स्कूल में झंडातोलन करने नहीं पहुंचे, तब शिक्षकों ने उनके घर पर फोन किया और मामले की जानकारी दी। एचएम के छोटे भाई एवं परिजन शिव नगर स्थित घर पर पहुंचे। उनलोगों ने दरवाजा बंद पाया, कुर्सी पर वे मृत पड़े थे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घर खुलवाया तो सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। आलमीरा टूटा हुआ था। पर्स में रखे गहने गायब थे। एचएम के परिजन जब शिव नगर में पहुंचे तो उनके घर का दरवाजा अंदर से बंद था। बगल के मकान पर प्लास्टर के लिए बांस बांधा गया था। परिजन उसी बांस से चढ़कर घर के अंदर गए। एचएम के भाई सुनील शुक्ला ने बताया कि पहली नजर में लग रहा है कि अपराधी उसी बांस के सहारे घर में घुसे होंगे। सीढ़ी से नीचे उतरने पर दरवाजा था, जिसमें लोहे की लगी जाली टूटी हुई थी। वहां पर एक कुदाल पड़ा हुआ था। अपराधियों ने संभवत: उसी कुदाल से लोहे की जाली को तोड़ा। परिजन व पुलिस अंदर घुसी तो देखा कि सामान अस्त-व्यस्त हैं। ब्रीफकेस, अलमीरा खुले हुए थे। प्लास्टिक की कुर्सी पर एचएम मरे पड़े थे।
दिल्ली से लौटा बेटा, पिता का शव देख हुआ बेहोश
एचएम का एकलौता पुत्र उज्जवल कुमार दिल्ली में मेडिकल की तैयारी कर रहा था। घर के लोगों ने फोन कर उसे पिताजी की तबीयत खराब होने की सूचना दी। रात्रि दो बजे वह घर पहुंचा, पिता का शव देखते ही बेहोश हो गया। शुक्रवार की सुबह गांव पहुंचा, उसके पिता की अर्थी उठी। उस वक्त एचएम के पिता पिताम्बर शुक्ला व मां कुसुम रानी देवी सदमे में थी। शिक्षक नेता भारत झा, राजेश कुमार झा वहां थे।