उर्वरक की कालाबाजारी रोकें : डीएम
रबी मौसम में उर्वरक की किल्लत नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन व कृषि विभाग पहले से ही सजगता बरत रही है। क्योंकि उर्वरक बिक्रेता उर्वरक की कृत्रिम अभाव दिखाकर किसानों से मोटी राशि वसूलते रहे है। रबी...
रबी मौसम में उर्वरक की किल्लत नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन व कृषि विभाग पहले से ही सजगता बरत रही है। क्योंकि उर्वरक बिक्रेता उर्वरक की कृत्रिम अभाव दिखाकर किसानों से मोटी राशि वसूलते रहे है। रबी मौसम में यूरिया के साथ-साथ डीएपी, फॉस्फेटिक, पोटाश, जिंक, कीटनाशी की ज्यादा डीमांड रहती है। जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश ने बताया कि थोक उर्वरक विक्रेताओं के गोदामों की भौतिक सत्यापन जिला स्तरीय गठित टीम के द्वारा किया जाएगा। जबकि जिले के खुदरा उर्वरक बिक्रेताओं के गोदामों की जांच के लिए प्रखंड स्तर पर चार टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताय कि पैक्स के गोदामों की भी जांच करायी जाएगी। छापेमार दल में शामिल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जहां भी अनियमितता दिखायी दें। शीघ्र एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों पर प्रपत्र ‘क की कार्रवाई की जाएगी। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में दो दर्जन थोक व एक हजार के आसपास खुदरा उर्वरक बिक्रेता है।
अनुपस्थित रहने पर 41 से जवाब तलब
रबी मौसम में कृषि संबंधी योजनाओं की समीक्षा बैठक में अनुपस्थितत रहने के कारण 41 कृषि समन्वयकों व किसान सलाहकारों से जिला कृषि पदाधिकारी ने दो दिनों के अंदर जवाब-तलब किया है। जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश ने बताया कि इनके अनुपस्थित रहने के कारण रबी मौसम में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, हरित क्रांति योजना, एनएफएसएम जैविक खेती प्रोत्साहन, मिट्टी जांच, पौधा संरक्षण एवं उद्यान की योजनाओं का संबंधित पंचायतों की समीक्षा नहीं हो सकी। जो लापरवाही व उदासीनता का घोतक है।
डीएपी के दाम में 10 फीसदी की कमी
भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय ने किसानों के परेशानी को देखते हुए डीएपी, पोटाश, फॉस्फेटिक उर्वरक आदि के दामों में 10 फीसदी की कटौती की है। इसका लाभ किसानों को रबी मौसम में मिलेगा। क्योंकि किसान पहले से भी बाढ़ व सुखाड़ से त्रस्त है। अगर व्यवस्था में चुक नहीं रही तो किसानों को महंगे दामों पर उर्वरक नहीं खरीदना पड़ेगा।