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आंधी-पानी से जनजीवन अस्तव्यस्त, कई मकानों को नुकसान

लीड...जीवन प्रभावित हुआ। हालांकि, हवा व वर्षा से मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को गर्मी से राहत...

आंधी-पानी से जनजीवन अस्तव्यस्त, कई मकानों को नुकसान
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायWed, 12 May 2021 08:01 PM
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बेगूसराय /सिंघौल। हिन्दुस्तान टीम

तेज हवा के साथ बुधवार दोपहर बाद हुई बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। हालांकि, हवा व वर्षा से मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली। भीषण आंधी-पानी से आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। तेज हवा की वजह से दर्जनों कच्चे मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। कई झोपड़ियां भी उजड़ गईं। आंधी की वजह से कई गरीब के घर गिरने से परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब आधा घण्टा तक हुई जोरदार बारिश से शहरी क्षेत्र में कई जगह जलजमाव भी देखा जा रहा है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आने वाले चक्रवात की मौसम विभाग ने पहले ही पूर्वानुमान जारी किया हुआ है। इसमें अगले दो दिनों तक इस तरह से ही आंधी और पानी की आशंका जताई गई है। वर्षा के बाद तापमान में भी कमी और वातावरण में ठंडक आ गई।

बारिश से खेतों को मिली नमी

बुधवार को दोपहर बाद आयी जोरदार आंधी के कारण पेड़ पौधों को भी खासा नुकसान पहुंचाया है। खासकर आम, लीची केला आदि फसल को नुकसान पहुंचा है। हालांकि किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हुई है। हल्दी, मक्का, अरहर आदि की बुआई के पहले हुई इस बारिश से खेतों में नमी आयी है। इससे किसानों को सिंचाई के खर्च से बचत मिलेगी। यदि एक दो दिन और बारिश होती है तो खेतों में पर्याप्त नमी आ जाएगी। इसके बाद खरीफ फसल की बुआई शुरू होगी।

आधे घंटे की बारिश से किसानों के चेहरे खिले

गन्ना उत्पादक किसानों के लिए बारिश वरदान

चीनी मिल के अधिकारियों ने किसानों को गन्ने के खेत की देखभाल के लिए दिया सुझाव

गढ़पुरा। निज संवाददाता

बुधवार दोपहर बाद हुई बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशियां ला दी हैं। लंबे अरसे से किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे। खासकर गन्ना उत्पादक किसानों को सबसे अधिक फायदा पहुंचा है। वह फसलों को बचाने के लिए लगातार पटवन कर रहे थे। प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गन्ने की फसल की खेती होती है। चीनी मिल हसनपुर के कार्यपालक उपाध्यक्ष गन्ना शंभू प्रसाद राय ने बताया कि मई में अगर बारिश हो जाए तो गन्ने के लिए सोने पे सुहागा है। उन्होंने बताया कि बुधवार को आधे घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश से गन्ने की फसल को काफी फायदा पहुंचा है। उन्होंने बताया कि किसान प्रति एकड़ 20 किलो कोटा 50 किलो यूरिया दोनों को मिलाकर खेत में अविलंब डालें। वहीं, मिट्टी सूखी होने पर हस्तचालित यंत्र या ट्रैक्टर से जुताई कर दें। खूंटी वाले खेत में प्रति एकड़ 3 बोरा एसएसपी, एक बोरा पोटाश, 10 किलो सल्फेट, 3 किलो जिंक और एक बोरा यूरिया गन्ने के जल में डालकर जुताई करने को कहा। उन्होंने बताया कि 23000 लक्ष्य के विरुद्ध 24000 एकड़ में वसंत कालीन करने की रोप की गई है।

आंधी व बारिश से तैयार आम-लीची व मक्का की फसल प्रभावित

खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि

बुधवार को आंधी व बारिश से प्रखंड क्षेत्र में तैयार मक्का की फसल सहित आम-लीची को नुकसान हुआ है। तेज हवा के कारण कई पेड़ों की टहनियां टूट कर गिर गईं। इस संबंध में कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावंदपुर के वरीय वैज्ञानिक डॉ. रामपाल ने बताया कि वर्षा से तैयार मक्का की फसल को नुकसान हुआ है। काफी दिनों बाद हुई बारिश के कारण मूंग, सब्जी सहित बाकी सभी फसल को लाभ हुआ है। वर्षा से आम-लीची की फसल पर पड़े फंगस धुल गए हैं। वहीं, आंधी के कारण लीची व आम की फसल का नुकसान हुआ है। तेज हवा से आम के कुछ टिकोले भी पेड़ों से झड़ गए लेकिन लीची के फल में मिठास आ जाएगी। इस वर्षा के बाद किसान खर-पतवार नियंत्रण हेतु खेतों की गहरी जुताई करें। उन्होंने बताया कि लगातार अधिक वर्षा होने पर सब्जी सहित अन्य फसल को नुकसान पहुंच सकता है। आंधी व बारिश के बाद मौसम जरूर सुहाना हो गया लेकिन गांव की कच्ची सड़कें कीचड़ से पट गई हैं।

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