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अक्षय नवमी के दिन किए गए हरेक कर्म का फल अक्षय होता है: स्वामी चिदात्मन

फोटो नंबर--5 लगा रहा। सिमरिया धाम से ए.सं. के अनुसार शनिवार को सिमरिया गंगाघाट में गंगा स्नान करने के लिए भारी संख्या में...

अक्षय नवमी के दिन किए गए हरेक कर्म का फल अक्षय होता है: स्वामी चिदात्मन
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायSat, 17 Nov 2018 07:22 PM
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अक्षय नवमी पर श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। साथ ही, आंवला पेड़ के नीचे पूजा की। इसके बाद गुप्त दान किया। विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

सिमरिया धाम से ए.सं. के अनुसार शनिवार को सिमरिया गंगाघाट में गंगा स्नान करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। स्नान के बाद सिमरिया धाम के सर्वमंगला सिद्धाश्रम समेत अन्य मंदिर व कुटिया में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। महिला श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद आंवला पेड़ के नीचे पूजा अर्चना की व कच्चा धागा का फेरा लगा परिक्रमा की। इसके बाद गुप्त दान भी किया।

सर्वमंगला सिद्धाश्रम के स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने ज्ञानमंच से श्रीमद्भागवत कथा सह कार्तिक महात्म्य की प्रवचन देते हुए कहा कि आज के ही दिन सतयुग का प्राकट्य हुआ था। वर्ष की दो अनुपम तिथि अक्षय नवमी और अक्षय तृतीया के दिन जो कर्म किया जाता है वह अक्षय हो जाता है। अक्षय नवमी को धातृ (अमला) जो सरस्वती के बीज से प्रकट हुई है इनका महत्व सर्वोपरी कहा गया है। इस दिन वृक्ष के नीचे भोजन करने से गुणात्मक वृद्धि होती है तथा आरोग्यता की प्राप्ति होती है।

तेघड़ा से नि.सं. के अनुसार प्रखण्ड के विभिन्न घाटों पर बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद देव मंदिरों में पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को दान आदि दिया। प्रखण्ड के बिसौआ, रातगांव ,ताजपुर, चिमनी घाट, अयोध्या, सूर्य नारायण बोल्डर गंगा घाट मधुरापुर आदि घाटो पर महिला एवं पुरुषों की भीड़ लगी रही।

गढ़हरा में भव्य अनुष्ठान

गढ़हरा। सेवा सिद्धाश्रम गढ़हरा में शनिवार को अक्षय नवमी के मौके पर भव्य अनुष्ठान का आयोजन हुआ। आचार्य दिनेश मिश्र दीन उर्फ बटोरन बाबा ने कहा कि संतान प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत करने का खास महत्व है। असाध्य रोगों का भी नाश होता है। मौके पर आचार्य अमरेश चन्द्र मिश्र, थानाध्यक्ष पीके दुबे, उपमुख्य पार्षद पंकज मिश्र, वशिष्ठ नारायण मिश्र, सत्येंद्र नारायण मिश्र, डॉ मंटुन मिश्र, उमेश राय, वाल्मीकि राय, रविकांत पाठक, भवेश झा, गोपाल मिश्र, राजनारायण मिश्रा, अमरेश सिन्हा, अशोक राय, जितेंद्र सिंह, धनंजय झा, परशुराम पाठक, जयशंकर प्रसाद, रामानंद शर्मा आदि थे।

संतान सुख समृद्धि के लिए महिलाओं ने की आंवला पेड़ की पूजा

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कैप्शन:अक्षय नवमी को लेकर आंवला पेड़ की पूजा करती सुहागिन महिलाएं

बेगूसराय। शनिवार को अक्षय नवमी व आंवला नवमी का व्रत सुहागिन महिलाओं ने विधि विधान से किया। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाये जाने वाला इस व्रत को महिलाएं संतान प्राप्ति व उनके सुख समृद्धि के लिए करतीं हैं। महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति और उनकी सलामती के लिए पूजा पाठ की।

बच्चियों ने भी किया अक्षय नवमी व्रत

बछवाड़ा। अक्षय नवमी व्रत को लेकर विभिन्न गांवों में आंवले के पेड़ के नीचे खाना बनाकर महिलाओं व बच्चियों ने पूजा अर्चना की। कहा जाता है कि आंवले के पेड़ के नीचे इस दिन खाना बनाने के दौरान भोजन में आंवला का फल गिर जाने से भोजन अमृत तुल्य हो जाता है। अक्षय नवमी को लेकर शाम ढलते ही जगह-जगह आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाने व पंगत में बैठ उत्सवी माहौल में लोगों ने भोजन किया। पंडित वैद्यनाथ मिश्र ने बताया कि इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी से लेकर पूर्णिमा तक आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है। कार्तिक मास में स्नान कर आंवले के पेड़ में नित्य जल चढ़ाने से मन की मुरादें पूरी होती हैं।

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