गढ़पुरा में बारिश और जलजमाव से दो हजार हेक्टेयर में डूबी है फसल
पेज चार... इसके कारण किसानों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। क्षेत्र का बड़ा भू-भाग गन्ने की खेती के लिए मशइसके कारण किसानों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। क्षेत्र का बड़ा भू-भाग गन्ने की...
गढ़पुरा। निज संवाददाता
लगातार हो रही बारिश और जलजमाव के कारण प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं। किसी भी बहियार की सड़क होकर गुजरने पर यह एहसास हो जाता है कि इसके दोनों तरफ क्या स्थिति है। कोई भी ऐसा गांव या इलाका नहीं है जहां बहियार डूबी नहीं है। इसके कारण किसानों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। क्षेत्र का बड़ा भू-भाग गन्ने की खेती के लिए मशहूर है। जो बचे भूभाग हैं वहां धान, मक्का और मवेशी के चारे की खेती की जाती है। इसके साथ ही सब्जी की खेती भी व्यापक पैमाने पर होती है। पिछले 2 सालों से जलजमाव की समस्या के कारण किसानों की कमर टूट चुकी है। हसनपुर चीनी मिल के कार्यपालक उपाध्यक्ष गन्ना शंभु प्रसाद राय ने बताया कि मालीपुर के चकदह, कपरदह, गारा, कोरैय का सिलठा, करुआहा, गढ़पुरा का बगहा, बरहेला, बोरना डोभ, रंका, कारु, गम्मैल चौर से जलनिकासी की समस्या का समाधान निकालने के लिए मिल पुरी तरह प्रतिशील है। उम्मीद है कि कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा। इधर, किसानों को खेती में हुए क्षति का लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसान नेता राम किशोर राय ने बताया कि यहां की कृषि अधिकारी किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं। हमारी मांग है कि जो क्षेत्र में फसल क्षति हुई है उसका आकलन कर सही रिपोर्ट विभाग को सौंपे। ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिल सके।