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प्रकृति से छेड़छाड़ ही प्राकृतिक आपदा का मूल कारण

आपदा का कुप्रभाव आम जनजीवन को प्रभावित करता है। प्राकृतिक आपदा से जान की क्षति के साथ ही संपत्ति...

 प्रकृति से छेड़छाड़ ही प्राकृतिक आपदा का मूल कारण
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायThu, 06 Feb 2020 06:42 PM
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आपदा का कुप्रभाव आम जनजीवन को प्रभावित करता है। प्राकृतिक आपदा से जान की क्षति के साथ ही संपत्ति व आधारभूत संरचनाओं को व्यापक नुकसान होता है। पूर्व की तैयारी से ही आपदाओं से रक्षा और बचाव संभव है। प्रकृति से छेड़छाड़ प्राकृतिक आपदा का मूल कारण है। जबकि मानवजनित आपदाएं मानवीय चूक या लापरवाही के कारण होती हैं। यह बात आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षक मो. गुलाब कुरैशी ने बुधवार को बीआरसी में आयोजित एक दिवसीय ट्रेनिंग के दौरान कही। उन्होंने भूकंप को प्राकृतिक आपदा बताते हुए विद्यालय आपदा सुरक्षा सामान्य परिचय, आपदा की संक्षिप्त जानकारी, विद्यालय आपदा सुरक्षा योजना एवं विद्यालय आपदा प्रबंध समिति को सक्रिय रखने की जानकारी दी। डीडीओ मो. मुनीब आलम ने कहा कि छात्रों एवं शिक्षकों को मिलाकर आपदा प्रबंधन दल का गठन प्रत्येक विद्यालय में किया जाना है। समय-समय पर बाल मेला का आयोजन विद्यालय व संकुल स्तर पर कर बच्चों के बीच आपदा से बचाव की जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन से जुड़ी बच्चों की प्रतिभा को निखारने का सुझाव दिया। पीरामल फाउंडेशन की प्रखंड समन्वयक नर्गिस परवीन ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रत्येक वर्ष लोगों को बहुत नुकसान होता है। खासकर विद्यालयों में बच्चों के जीवन के लिए संकट पैदा हो जाता है। जागरूकता से आपदा को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन इससे होने वाले नुकसान को जरूर कम किया जा सकता है। मौके पर बीआरपी शिवदानी पासवान, विनोद कुमार, एमडीएम साधनसेवी अन्नू कुमारी, राजेश चौरसिया, नवीन कुमार गुप्ता, मो. आफताब आलम आदि मौजूद थे।

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