हड़ताली शिक्षकों व कमजोर वर्गों के साथ नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं: माले
तीन हफ्ते के लॉकडाउन ने कमजोर वर्गों पर कहर बरपा दिया है। लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। हड़ताली शिक्षक तो पहले से बेहाल...
तीन हफ्ते के लॉकडाउन ने कमजोर वर्गों पर कहर बरपा दिया है। लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। हड़ताली शिक्षक तो पहले से बेहाल हैं। ये बातें भाकपा माले नगर कमिटी सचिव राजेश श्रीवास्तव ने कहीं। उन्होंने समस्त नागरिकों व शिक्षकों से आह्वान किया 12 अप्रैल को दिन के दो से ढाई बजे के बीच अपने-अपने घरों के दरवाजे पर सपरिवार दस मिनट थाली बजाकर मांगों को सरकार के कानों तक पहुंचाने का काम करें। साथ ही 14 अप्रैल को अंबेदकर जयंती पर सुबह सात बजे से नौ बजे के बीच अपने अपने घरों में सपरिवार एक मीटर की दूरी बनाकर संविधान का पाठ करने का अनुरोध किया। मौके पर सुरेश पासवान, कौशल पंडित, कुंवर कन्हैया, विनय कुमार अंबष्ट, सत्तो पासवान, देशवति देवी व अन्य सदस्य उपस्थित थे। उन्होंने सरकार को हड़ताली शिक्षकों से वार्ता कर राहत मुहैया कराने की अपील की। साथ ही जरूरतमंद नागरिकों को राशन व आर्थिक मदद देने की भी मांग की।