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श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से सुधरता है इहलोक और परलोक

रे दिन कथाकार श्री भगवान प्रसाद महाराज ने कही। उन्होंने कहा जब कोई व्यक्ति मनुष्य की योनि में जन्म लेता है और मनुष्य धर्म का पालन करता है वह परम धर्म है। अनीति पूर्वक कमाया गया धन दस वर्षों के बाद...

श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से सुधरता है इहलोक और परलोक
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायSun, 11 Nov 2018 07:35 PM
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श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से इहलोक और परलोक दोनों सुधर जाता है। हमें यह जानना चाहिए कि भागवत कथा का क्या उद्देश्य है, धर्म क्या है और अधर्म क्या है।

यह प्रश्न राजा परीक्षित को गुरु व्यास जी बताते हैं कि धर्म के बिना जीवन ही अधूरा है। जिसके जीवन में धर्म नहीं है, समझिए वह सिर्फ मानव का चोला है।

सदर प्रखंड के चिलमिल टोला छपकी में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथाकार श्री भगवान प्रसाद महाराज ने कही। उन्होंने कहा जब कोई व्यक्ति मनुष्य की योनि में जन्म लेता है और मनुष्य धर्म का पालन करता है वह परम धर्म है। अनीति पूर्वक कमाया गया धन दस वर्षों के बाद धीरे-धीरे समाप्त होना शुरू हो जाता है। केवल धर्म ही आपके साथ में जाएगा। धर्म कहता है, धन कमाना अच्छा है, लेकिन नीति पूर्वक धन कमाएं। कमाई का दसवां हिस्सा धर्म के अलावा अन्य अच्छे कार्यों में अवश्य लगायें।

जीवन जीने की कला सिखाते हैं धर्मग्रंथ : विधायक

श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में तीसरे दिन महाआरती में भाग लेने के बाद बछवाड़ा के विधायक रामदेव राय ने कहा जीवन में कर्म अच्छा नहीं करते हैं, तो फल प्राप्ति करने की चिंता को छोड़ दें। भागवत कथा का यह यज्ञ साधारण यज्ञ नहीं है। भागवत कथा में कथावाचक से लेकर श्रवण करने वाले दोनों पुण्य आत्मा हैं। दुनिया में तो अनेक ग्रंथ बने हैं, लेकिन श्रीमद्भागवत और रामचरितमानस रामायण का ग्रंथ हमें मोक्ष का रास्ता दिखाता है। यह दोनों ग्रंथ हमें जीवन जीने की कला सिखाता है।

मौके पर नंदकिशोर सिंह, रामनरेश राय, रामाकांत राय, रामसागर गोप, अरविंद, मुंशी राम शंकर यादव, सुरेंद्र कुमार कुशवाहा, लखन पासवान आदि थे।

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