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रोज़ेदारों के लिए माह-ए-रमज़ान खुदा की तरफ से इनाम

खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि अग्रसर है। इसलिए बचे हुए एक दिन में अपनी इबादत के माध्यम से खुदा को राज़ी करने की भरपूर कोशिश...

रोज़ेदारों के लिए माह-ए-रमज़ान खुदा की तरफ से इनाम
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायWed, 12 May 2021 08:00 PM
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खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि

रमज़ानुलमुबारक के पाक माह में खुदा व उनके रसूल हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए गए तरीके पर चल कर ही खुदा की खुश्नुदी व रज़ा पाई जा सकती है। यह बात जामा मस्जिद नुरूल्लाहपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद मोइनुद्दीन साहब ने 29वें रमजानुलमुबारक के मौके पर बुधवार को कही। उन्होंने कहा कि रमज़ान अब विदाई की ओर अग्रसर है। इसलिए बचे हुए एक दिन में अपनी इबादत के माध्यम से खुदा को राज़ी करने की भरपूर कोशिश करें।

इमाम साहब ने कुरान-ए-करीम व हदीस शरीफ का हवाला देते हुए बताया कि ईमान वालों के लिए माह-ए-रमज़ान खुदा की तरफ से एक इनाम है। इस माह-ए-मुबारक की कद्र अगर मालूम हो जाए तो उम्मत यह तमन्ना करेगी कि पूरे वर्ष रमज़ान ही हो जाए। हुजूर अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का इरशाद है कि रमज़ान का महीना सब्र और ग़मखारी का है। इसके बदले उम्मते मुहम्मदी को जन्नत नसीब होगा। इस लिए हमें अपनी इबादत के माध्यम से जन्नत की तमन्ना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या पता किसे अगले साल का रमज़ान नसीब हो। इस लिए माह-ए-मुबारक के अंतिम दिन भी रोज़ेदार एखलास नीयत के साथ इबादत कर खुदा की बारगाह में गिड़गिड़ाते हुए अपने पिछले गुनाहों से माफी तथा जहन्नम की आग से पनाह के लिए दुआ मांगें।

इमाम साहब ने कहा कि नीयत को खुदा स्वयं देखते हैं। नीयत व इरादा साफ होगा तो हमें खुदा से पूरी उम्मीद है कि वह अपने फरमाबरदार बंदों को अपने वादे के मुताबिक सब कुछ अता करेंगे। इमाम साहब ने कहा कि ईद की नमाज़ से पूर्व अपने परिवार के नवजात सहित सभी सदस्यों की ओर से फितरा अदा करना वाजिब है। इस लिए फितरा के लिए निश्चित अनाज या उसके बाजार मूल्य के बराबर राशि ईद की नमाज़ से पूर्व अदा कर दें। इससे रोज़े में पुख्तगी आती है।

कैसे अदा करें ईद-उल-फित्र की नमाज़

खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि

कोरोना काल में लाकडाउन के दौरान अपने-अपने घर के बाहर ही लोग ईद की नमाज़ अपने परिवार के सदस्यों के साथ अदा करेंगे। जामा मस्जिद नुरूल्लाहपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद मोइनुद्दीन साहब ने ईद-उल-फित्र की नमाज़ से संबंधित कुछ नियम बताए जो इस प्रकार हैं।

ईद की नमाज सामूहिक तौर पर अदा की जाती है। लेकिन, लाकडाउन के कारण सरकारी दिशा-निर्देश के आलोक में इस वर्ष ईद-उल-फितर की सामूहिक नमाज़ अदा नहीं की जाएगी। लोग अपने परिवार के संग ईद की नमाज़ अपने घर के निकट अदा कर लें।

ईद-उल-फित्र की नमाज़ वाजिब है। इस में दो रिकअत नमाज वाजिब छह जायद (अधिक) तकबीर वाजिबा के साथ अदा की जाती है।

ईद के दिन नहाना, अच्छे कपड़े पहनना तथा खूशबू लगाना चाहिए।

ईद की नमाज़ से पूर्व खजूर खा कर नमाज अदा करनी चाहिए।

रोज़े की हालत में ईद की नमाज़ अदा नहीं की जाती है।

ईद की नमाज़ से पूर्व सदका-ए-फित्र अदा करना आवश्यक है।

फितरा: कितना और कैसे अदा करें

रमज़ानुलमुबारक के पाक माह में सभी मुसलमान अपने परिवार के नवजात शिशु सहित सभी सदस्यों की ओर से एक निश्चित अनाज या उसके बाजार मूल्य के बराबर राशि ईद की नमाज से पूर्व गरीबों को दान करते हैं। उसे फितरा कहते हैं। जो लोग माली एतबार से कमजोर हों और वह भी ईद की खुशी में समान रूप से शामिल हो सकें, ऐसे लोगों को फितरा की रकम दी जाती है। ईद की नमाज से पूर्व अपने परिवार के नवजात शिशु सहित सभी सदस्यों की ओर से फितरा अदा करना वाजिब है।

सामूहिक रूप से इबादत करने वालों पर प्रशासन की रहेगी नजर

खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि

लॉकडाउन के दौरान ईद पर्व के अवसर पर अपने घर से निकल कर मस्जिद या ईदगाह में सामूहिक रूप से इबादत करने वाले लोगों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। सीओ सुबोध कुमार ने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। ईद-उल-फितर के अवसर पर थाना क्षेत्र के सभी मस्जिदों व ईदगाहों पर प्रशासन नजर रखेगी। ताकि, लाकडाउन का सख्ती से पालन हो सके। इबादत के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करना सुनिश्चित करना चाहिए। वहीं लाकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगी। सीओ ने कहा कि कोराना महामारी को लेकर चल रहे लाकडाउन व्यवस्था का पालन कर लोग अपने घर में इबादत करते हुए ईद को खुशी के माहौल में शांतिपूर्ण ढंग से मनाएं।

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