मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ होगा आन्दोलन
आजादी के 72 साल के बाद भी आज मजदूर हाशिये पर हैं । कमरतोड़ मेहनत के बाबजूद भी उनके समक्ष दो जून - की रोटी जुटा पाना, बच्चों को उचित शिक्षा दिलाना, चिकित्सा व आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताएं मयस्सर नहीं...
आजादी के 72 साल के बाद भी आज मजदूर हाशिये पर हैं । कमरतोड़ मेहनत के बाबजूद भी उनके समक्ष दो जून - की रोटी जुटा पाना, बच्चों को उचित शिक्षा दिलाना, चिकित्सा व आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताएं मयस्सर नहीं हो रही हैं । ये बातें माकपा जिला सचिव मंडल सदस्य रवीन्द्र सिंह ने प्रोगेसिव बीड़ी मजदूर संघ की ओर से सभा में कहीं। भाकपा बखरी अंचल मंत्री शिव सहनी के अलावा अरविंद कुमार,रत्नेश झा, सुशील कुमार सिंह, समूद आलम, मुक्ति नारायण सिंह, मनोज कुमार सिंह, रवीन्द्र सिंह, मो. इसराफिल, इरफान, मो. कमाल , मो. आफताब आदि ने विचार रखे। तेघड़ा से नि.सं. के अनुसार राज्य व केन्द्र सरकार मजदूर विरोधी तथा पूंजीपतियों की हितैषी है। संविदाकर्मियो को कम मानदेय देकर भरपूर काम कराने की क्रुर नीति चला रही है । इसलिए मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आन्दोलन की जरूरत है। लोक शिक्षा समिति के प्रखण्ड सचिव अशोक कुमार ने समिति के कार्यालय में संगोष्ठी में कही। मौके पर केआरपी मीना कुमारी, ब्रजकिशोर चौधरी आदि ने विचार रखे।