सच्चे देशभक्त व कुशल राजनीतिज्ञ थे मौलाना आजाद
नावकोठी। देश के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की 134वीं जयंती हर्षोल्लास के वातावरण में प्रखंड के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में मनायी गयी। स्वतंत्रता सेनानी व उर्दू, फारसी, अरबी, हिंदी,...

नावकोठी। देश के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की 134वीं जयंती हर्षोल्लास के वातावरण में प्रखंड के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में मनायी गयी। स्वतंत्रता सेनानी व उर्दू, फारसी, अरबी, हिंदी, तुर्की सहित अन्य भाषाओं में निपुण मौलाना आजाद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। उनके द्वारा रचित काव्य रचना का भी पाठ किया गया। वह अच्छे लेखक, कवि और प्रखर पत्रकार थे। पृथकतावादी सोच के वह कट्टर विरोधी थे। वह 1940 से 1946 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये। अंग्रेजी शासन की मुखालफत के कारण स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देश के विभिन्न जेलों में रहना पड़ा। वह सच्चे देशभक्त और कुशल राजनीतिज्ञ थे। स्कूली छात्र एवं छात्राओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की। कार्यक्रम में उनके तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। कार्यक्रम आयोजित करने के लिए शिक्षा विभाग ने सभी प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया था। मौके पर समसा, बगरस विशनपुर, नीरपुर, सैदपुर, देवपुरा, विष्णुपुर, रजाकपुर, हसनपुर बागर, नावकोठी, पहसारा, वभनगामा, महेशवाड़ा सहित अन्य विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
