देश के 786 कृषि विज्ञान केंद्रों में खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र को 21वां रैंक
पिछले एक वर्ष में इसकी रैंकिंग 440 पायदान ऊपरदेश के कुल 786 कृषि विज्ञान केंद्रों में खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र ने 21वें पायदान पर अपना स्थान बना लिया है।...
देश के कुल 786 कृषि विज्ञान केंद्रों में खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र ने 21वें पायदान पर अपना स्थान बना लिया है। पिछले एक वर्ष की अवधि में इस केंद्र ने 440 पायदान ऊपर जगह बनायी है। पिछले वर्ष इसका रेंक 461 वां था। इतना ही नहीं डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा द्वारा नियंत्रित बिहार के कुल 16 कृषि विज्ञान केंद्रों में इसने पहला स्थान प्राप्त किया है। यह जानकारी खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र की परियोजना समन्वयक सह प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुनीता कुशवाह ने दी ।
डॉ कुशवाह ने बताया कि किसानों को खेती के नवीनतम तकनीकों की जानकारी देने के लिए देश भर में कुल 786 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हैं। कृषि के उन्नत तकनीकों एवं कृषि कार्य से जुड़े आधुनिक संयंत्रों के माध्यम से किसानों को व्यवहारिक प्रशिक्षण देना कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद समय समय पर इन केंद्रों के क्रियाकलापों की जांच पड़ताल कर इनका रैंकिंग करती है। बेहतर क्रियाकलाप वाले कृषि विज्ञान केंद्रों को जरूरत के अनुरूप तकनीकी संसाधनों को उपलब्ध कराया जाता है। पिछले एक वर्ष के अंतराल में खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र अपने लक्ष्य के पथ पर काफी तेजी से आगे बढ़ा है।
बताया कि पिछले एक साल में इस केंद्र को कई सौगात मिले हैं। डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के सौजन्य से इस कृषि विज्ञान केंद्र को जलवायु अनुकूल आधारित कृषि पद्धति प्रोजेक्ट मिला है। किसानों को सब्जी उत्पादन की बेहतर तकनीक की जानकारी देने के लिए यहां बायो टेक हब लगाया जा रहा है। कृषि यांत्रिकी बैंक की स्थापना की जा रही है। केंद्र के खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय एवं चेरियाबरियारपुर प्रखंड स्थित भेलवा फॉर्म में सिंचाई के लिए दो दो सोलर पंप लगाए गए हैं। बीजों व अन्य उत्पादों की सुरक्षा के लिए इन दोनों जगहों के फॉर्मो को चाहरदीवारी से घेराबंदी कर दी गई है। खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के,कार्यालयों व भवनों को सुसज्जित कर दिया गया है। परिसर के रास्तों का पीसीसीकरण करवाने की भी योजना है। डॉ कुशवाह ने बताया कि लगभग 15 हजार किसान खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के क्रियाकलाप से जुड़े हैं। इन किसानों की विभिन्न समस्याओं के निदान का उपाय व्हाट्सएप के जरिए किया जा रहा है। इतना ही नहीं खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा हाल ही में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा शुरू की गयी है।