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महज पांच दिनों में बदला गया नगर परिषद के नजारत का प्रभार

बखरी नप का मामला पर गंभीर सवाल उठाते हुए मामले से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया है। साथ ही, वित्तीय अनियमितता...

महज पांच दिनों में बदला गया नगर परिषद के नजारत का प्रभार
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायMon, 31 May 2021 07:30 PM
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बखरी। निज संवाददाता

नगर परिषद के नजारत का प्रभार महज पांच दिनों के भीतर बदलकर दूसरे कर्मी को दिए जाने के बाद से यहां विवाद गहराता जा रहा है। मुख्य पार्षद ने इस पर गंभीर सवाल उठाते हुए मामले से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया है। साथ ही, वित्तीय अनियमितता की भी आशंका जताई है।

इस संबंध में मुख्य पार्षद गीता कुशवाहा ने जिलाधिकारी व एसडीओ को पत्र देते हुए कहा है कि कार्यपालक अधिकारी राजेश पासवान पर वित्तीय अनियमितताओं के नियंत्रण के लिए 16 सितंबर 2020 को सामान्य बोर्ड की विशेष बैठक में उनकी वित्तीय शक्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई। पुनः नगर परिषद क्षेत्र की आम जनता के हितार्थ कार्यों एवं विभागीय स्तर पर कोई कार्यवाई नहीं होने से आहत और निराश होकर श्री पासवान की वित्तीय शक्तियों को 30 दिसम्बर 2020 को हुई सामान्य बोर्ड की बैठक में औपबंधिक रूप से बहाल किया गया। इसमें यह शर्त सामान्य बोर्ड द्वारा रखी गई थी कि इनके सभी वित्तीय कार्यों की समीक्षा सशक्त स्थाई समिति करेगी और भविष्य में इनके द्वारा किसी भी वित्तीय अनियमितता या स्वेच्छाचारी आचरण पर कार्यपालक अधिकारी की सभी वित्तीय शक्तियों को निरस्त कर दिया जाएगा। इन परिस्थितियों में बिना बोर्ड के अनुमोदन के श्री पासवान ने स्वेच्छा से निर्णय कर वितीय कार्य संचालन के लिए 24 मई को प्रधान सहायक राम कुमार को नगर नजारत का प्रभार दिया और सिर्फ पांच दिनों के बाद 29 मई को नगर पंचायत के नजारत का प्रभार विकास मित्र विपिन राम को दिए जाने का आदेश निर्गत किया है। यह बिहार नगरपालिका अधिनियम की धाराओं के विपरीत है और इनकी स्वेच्छाचारिता का प्रमाण है। इतनी जल्दी-जल्दी नगर पंचायत के नजारत का प्रभार बदलना कार्यपालक अधिकारी की वित्तीय अनियमितता की मंशा को स्पष्ट परिलक्षित करता है। मुख्य पार्षद ने नगर पालिका एक्ट के विपरीत काम करने के लिए इन पर अनुशासनिक विभागीय कार्यवाही करने की बात कही है। वहीं, मुख्य पार्षद द्वारा इस संबंध में कार्यपालक अधिकारी को भी पत्र लिखा गया है। इसमें 31 दिसम्बर 20 से लेकर 29 मई 2021 तक नगर निधि से किए गए व्यय विवरणी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। साथ ही नजारत का प्रभार बदले जाने पर जवाब तलब किया है। इसके अलावा मुख्य पार्षद ने डोर टू डोर संवेदक के कार्य समीक्षा एवं भुगतान के संबंध में दिशा निर्देश दिया है।

इस मामले में कार्यपालक अधिकारी ने कहा है कि मुख्य पार्षद द्वारा दिए गए पत्र का जवाब दिया जाएगा। उन्होंने सभी कार्य नगरपालिका अधिनियम की धाराओं के तहत किया है। इसमें सारे कार्य नियम संगत हैं।

इधर, इस मामले में एसडीओ अशोक गुप्ता ने बताया कि मुख्य पार्षद द्वारा दिए गए पत्र के आलोक में मामले से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। दिशा-निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कहा है कि नगर में एक भी नियमित कर्मी नहीं है। इस संबंध में वरीय अधिकारियों को लिखा जा रहा है। स्थाई कर्मी होने के बाद ऐसी परिस्थिति उत्पन्न नहीं होगी। मालूम हो कि नगर परिषद में छह माह से अधिक समय से कार्यपालक अधिकारी और मुख्य पार्षद के बीच टकराव की स्थिति बनी है। इससे बीच-बीच में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती रहती हैं।

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