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कर्बला में हुसैन की शहादत ने जिंदा की इंसानियत

कोविड-19 को लेकर ताजिया जुलूस पर पाबंदी कैलेंडर का पहला महीना है। यह महीना इबादत वाला महीना है। इस महीने में दस दिन रोजे रखना व कुरान...

कर्बला में हुसैन की शहादत ने जिंदा की इंसानियत
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायSat, 29 Aug 2020 07:02 PM
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हुसैन जब पैदा हुए तो हक से शरीयत खरीद ली, जब हो गए जवां तो इमामत खरीद ली, मैदान-ए-कर्बला में शहादत खरीद ली, नाना के इस नवासे ने उम्मत खरीद ली। ये बातें मालीपुर जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद इम्तियाज आलम ने कहीं। उन्होंने कहा कि मुर्हरम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है। यह महीना इबादत वाला महीना है। इस महीने में दस दिन रोजे रखना व कुरान की तिलावत करना चाहिए। रमजान के रोजे के बाद मुर्हरम के महीने की अहमियत है।

कोविड-19 के कारण इस बार ताजिया जुलूस पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि विभिन्न गांवों से जंगी सोशल डिस्टेंस के साथ मुंह में मास्क लगाते हुए विभिन्न इमामबाड़ा की तरह प्रस्थान कर गए हैं। ये जंगी कर्बला बड़ी दूर है जाना जरूर है... के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसमें शामिल युवक इस्लामी झंडा लेकर पैदल शहीदे कर्बला की याद में विभिन्न इमामबाड़ों का चक्कर लगाते हुए मोहर्रम के दिन रविवार को इस रस्म को पूरा करेंगे। पर्व को लेकर हरे झंडे की बिक्री खूब हो रही है। अकीदतमंद लोग ताजिया रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं। गढ़पुरा ताजिया कमेटी के मोहम्मद मुस्तकीम, मोहम्मद सुभान आदि ने बताया कि हम लोगों ने आकर्षक ताजिया का निर्माण किया है लेकिन इस बार इमामबाड़े पर ही ताजिए को रखा जाएगा। कोविड-19 के कारण जुलूस का शक्ल नहीं दिया जाएगा। प्रखंड क्षेत्र में कुल 14 स्थानों पर ताजिए का निर्माण किया जाता है। कुम्हारसो, सुजानपुर, धर्मपुर, राहुलनगर, बरमोतरा आदि गांवों में इस बार छोटी ताजिया बनायी गयी है। इधर, मोहर्रम को देखते हुए 15 लोगों पर 107 की कार्रवाई की गई है। साथ ही, प्रशासन द्वारा भी चौकसी बढ़ा दी गई है।

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