Hindi NewsBihar NewsBegusarai NewsHigh level investigation into death of social worker Santosh Sharma

सामाजिक कार्यकर्ता संतोष शर्मा की मौत की हो उच्चस्तरीय जांच

नावकोठी अंचल के छतौना निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता संतोष शर्मा की पुलिस पिटाई में मौत होने का आरोप लगाते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। वामपंथी नेताओं व कई छात्र...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायSun, 19 April 2020 06:42 PM
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नावकोठी अंचल के छतौना निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता संतोष शर्मा की पुलिस पिटाई में मौत होने का आरोप लगाते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। वामपंथी नेताओं व कई छात्र संगठनों ने एसपी से तुरंत नावकोठी पुलिस अधिकारी को मुअत्तल करने, दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई करने और मृतक के परिवार को समुचित मुआवजा भी देने की मांग की है। इधर, सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताते हुए मामले की जांच की मांग की। भाकपा के पूर्व विधायक व जिला मंत्री अवधेश कुमार राय ने एसपी को पत्र लिखकर कहा कि संतोष एक सामाजिक कार्यकर्त्ता था और नावकोठी थाना द्वारा उसे बेवजह गिरफ्तार कर मारपीट की गयी। पुलिस पिटाई के कारण ही उनकी मृत्यु इलाज के दौरान हो गई। बिना पोस्टमार्टम कराये दाह-संस्कार करा दिया इधर, माकपा के जिला सचिव सुरेश यादव ने कहा कि संतोष की मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि इसके पीछे स्थानीय पुलिस की भूमिका के प्रति सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ दिन पूर्व पुलिस ने मनगढ़ंत आरोप लगाकर उसे गिरफ्तार कर बेरहमी से पिटाई की थी। चोट इतनी गंभीर थी कि इलाज के दरम्यान उसकी मौत हो गई। परिवार पर दबाव देकर बिना पोस्टमार्टम कराये आनन-फानन में उसका दाह-संस्कार करा दिया गया। मामले की उच्चस्तरीय जांच हो व उसके परिजनों की सुरक्षा और 10 लाख रुपए मुआवजा मिले। मौत की घटना की निंदा कीभाकपा माले के राष्ट्रीय आह्वान पर दो दिवसीय उपवास और धरना कार्यक्रम दूसरे दिन भी कार्यालय में जारी रहा। जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि नावकोठी थाना के छतौना गांव निवासी ठाकुर संतोष कुमार शर्मा की बर्बरतापूर्वक पिटाई से हुई मौत की घटना की पार्टी तीव्र निन्दा करती है। साथ ही जिला प्रशासन और सरकार से नावकोठी थाना के दोषी पुलिस पदाधिकारी और पुलिस कर्मी पर कार्रवाई की मांग करती है। कार्यक्रम में चन्द्रदेव वर्मा, राजेश श्रीवास्तव, दीपक सिन्हा, कुंवर कन्हैया, कौशल पंडित, विनय कुमार अम्बष्ट, श्रीनारायण यादव, नूरूल इस्लाम, जिम्मी शामिल थे।सोशल मीडिया में वायरल ऑडियो के आधार पर हो जांच बेगूसराय। ठाकुर संतोष कुमार शर्मा की संदिग्ध स्थिति में मृत्यु से समूचा ज़िला हतप्रभ है। मृत्यु के पूर्व अस्पताल में किसी से की जानेवाली बातचीत का उनका ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल है। उसमें उनकी आपबीती बहुत कुछ कह रही है। कहने की ज़रूरत नहीं है वह एक जुझारू और निर्भीक संवेदनशील सामाजिक कार्यकर्ता थे। प्रगतिशील सामाजिक न्याय आंदोलन के समर्पित योद्धा थे। ये बातें जनवादी लेखक संघ के पूर्व ज़िलाध्यक्ष डॉ. भगवान प्रसाद सिन्हा ने कहीं। कहा कि वायरल ऑडियो उनकी साज़िशाना हत्या की तरफ़ इशारा कर रहा है। इसलिए इंसाफ़ का तक़ाज़ा है कि जनभावनाओं को देखते हुए ठाकुर संतोष शर्मा की संदिग्ध मौत की उच्च स्तरीय न्यायिक व प्रशासनिक जांच का आदेश मुख्यमंत्री दें। ताकि इंसाफ़ के कटघरे में नीरक्षीर विवेक के आधार पर दोषियों को खड़ा किया जा सके। सरकार उनकी पत्नी को पचास लाख रुपए की सहायता राशि और सरकारी नौकरी दे। आइसा कार्यकर्ताओं ने किया उपवास बेगूसराय। नगर प्रतिनिधि आइसा कार्यकर्ताओं ने रविवार को जिला कार्यालय में एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे। आइसा के जिला सचिव अभिषेक आनंद ने कहा कि संघर्षशील औऱ जुझारू युवा नेता संतोष आज हमारे बीच नहीं रहे। उनकी संदेहास्पद स्थिति में मौत ने हमारे जैसे हजारों युवाओं को झकझोर दिया। राज्य उपाध्यक्ष वतन कुमार ने कहा कि पिछले दिनों वीरपुर थाना में प्रेम प्रसंग मामले में पुलिस ने विक्रम पोद्दार नाम के युवक को गिरफ्तार किया था। उसकी मौत पुलिस कस्टडी में हो गई थी। ठाकुर संतोष शर्मा पुलिस कस्टडी हुए इस संदेहास्पद मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे थे। इस वजह से पुलिस ने संतोष को गिरफ्तार कर उनकी पिटाई की। उन्हें कई गंभीर अंदरूनी चोटें आई औऱ इलाज के दौरान मौत हो गई। हत्या की उच्य स्तरीय जांच हो एवं दोषी पुलिसकर्मी एवं षड्यंत्र में शामिल व्यक्तियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई हो। ।साथ ही संतोष के परिजनों को 50 लाख मुआवजा दिया जाए। अनयथा लॉकडाउन के बाद जिला प्रशासन औऱ सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन होगा। मौके पर अविनाश कुमार, रौशन कुमार, सन्नी कुमार, राजीव कुमार, अंकित, जयंत आदि थे। छात्र व युवा सड़क पर उतरेंगेबेगूसराय। नावकोठी थाना के छतौना गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ठाकुर संतोष कुमार शर्मा की मौत की जांच में लापरवाही बरतने पर छात्र व युवा सड़क पर उतरेंगे। ये बातें एआईएसएफ के जिला परिषद सदस्य साकेत कुमार ने कहीं। एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष सजग सिंह ने एसपी को आवेदन देकर संतोष शर्मा की मौत की जांच आडियो के आधार पर करने की मांग की। कहा कि 6 अप्रैल को नावकोठी थाने की पुलिस ने संतोष को लॉकडाउन के नाम पर गिरफ्तार किया। उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। मुकदमा नहीं करने की शर्त पर इलाज शुरू किया गया। कहा कि मौत की उच्च स्तरीय जांच के अलावा संतोष के परिजन को उचित मुआवजा दिया जाए। सामंती सोच की भेंट चढ़ गया संतोष बलिया। युवा नेता संतोष शर्मा की संदेहास्पद मौत के घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर रविवार को भाकपा माले कार्यालय में आइसा एवं माले के कार्यकर्ता एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे। माले के प्रखंड सचिव नूर आलम ने संतोष शर्मा की संदेहास्पद तरीसे हुई मौत की जांच कर दोषी पुलिसकर्मी एवं षडयंत्र में शामिल लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने व पीड़ित परिवार को ₹50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग सरकार से की है। भूख हड़ताल में माले नेता इंद्रदेव राम, लड्डू लाल दास, मोहम्मद सोहराब, प्रशांत कश्यप, सुधीर कुमार, शाहरुख आदि थे। डीएसपी करेंगे मामले की जांच: एसपी एसपी अवकाश कुमार ने बताया की ठाकुर संतोष शर्मा के परिजन ने अभी तक किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं करायी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल आडियो के संबंध में कहा कि वॉयस सेंपल की जांच तभी हो पाती जब संतोष जिंदा होता। बताया कि डीएसपी को जांच के लिए कहा गया है।

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