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गुरु पूर्णिमा: गंगा स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

सिमरिया गंगाघाट स्थित विभिन्न मंदिरों में कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम को रद्द कर दिया...

गुरु पूर्णिमा: गंगा स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायSun, 05 Jul 2020 06:27 PM
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गुरु पूर्णिमा के मौके पर रविवार को सिमरिया गंगाघाट में श्रद्धालुओ ने आस्था की डुबकी लगाई। रविवार से शुरू सावन माह में जिला प्रशासन के द्वारा श्रावणी मेले के आयोजन पर पाबंदी को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह नहीं देखा गया। हालांकि हजारों श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के साथ गंगा में डुबकी लगाई।

इस दौरान सिमरिया गंगाघाट में सोशल डिस्टेसिंग का धज्जियां उड़ती दिखीं। पिछले साल की तुलना में बहुत कम भीड़ देखी गई। वही सिमरिया गंगाघाट स्थित विभिन्न मंदिरों में कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ को देखते हुए राहत बचाव दल के जवान अनिल कुमार के नेतृत्व में अरुण कुमार, सभापति, सीताराम, अमर, दिवाकर, जाटों, सुनील, अर्जुन, शत्रुघ्न मनीष, भरत आदि मुस्तैद दिखे। इस दौरान चकिया ओपी के पुलिस भी जगह-जगह तैनात थे। इस साल सिमरिया घाट बाजार में कांवर बाजार या भगवा कलर के कपड़े समेत अन्य सामग्री नहीं देखी गई।

पूर्णता के प्रत्यावर्तन का महोत्सव है: चिदात्मन

सिमरिया धाम। अखिल भारतीय सर्वमंगला सिद्धाश्रम सिमरिया धाम में कोरोना संक्रमण को लेकर गुरु पूर्णिमा के मौके पर रविवार को काफी सख्ती बरती गई। हर वर्ष हजारो श्रद्धालु स्वामी चिदात्मन जी महाराज से दीक्षा लेकर पूजा अर्चना करते थे।

इस बार केवल स्वामी चिदात्मन जी महाराज के तैल चित्र पर ही पूजा अर्चना कर वापस लौट रहे थे। वहीं सिद्धाश्रम के मुख्य द्वार जो केवल रात में ही बंद होता था उसे सुबह से ही बंद कर रखा गया था। केवल छोटे गेट से सीमित श्रद्धालुओ को ही अंदर आने दिया जा रहा था। स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय सर्वमंगला सिद्धाश्रम समिति ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए आज के कार्यक्रम को एक सप्ताह पूर्व ही स्थगित कर दिया गया था। स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा पूर्णता के प्रत्यावर्तन का महोत्सव है। इन पुण्य पलों में सदगुरु अपनी पूर्णता सुपात्र शिष्य में उड़ेलते हैं। शिष्य का सम्पूर्ण समर्पण ही पूर्णता का आधार बनता है। मौके पर रविन्द्र ब्रह्मचारी, मीडिया प्रभारी नीलमणि, दिनेश सिंह, उषारानी, शुशील, राम, लक्ष्मण, श्याम समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

विभिन्न मंदिरों में छायी रही वीरानी

बीहट। निज संवाददाता।

गुरु पूर्णिमा पर बीहट के विश्वनाथ मंदिर तथा सिमरिया गंगातट स्थित मां काली धाम मंदिर समेत अन्य मंदिरों में होने वाले गुरु पूजन का कार्यक्रम कोरोना की वजह से नहीं हो सका। शिष्यों ने अपने घर पर ही अपने आध्यात्मिक गुरु की पूजा अर्चना की। विश्वनाथ मंदिर के पीठासीन आचार्य राजकिशोर शरण जी महाराज ने बताया कि कोरोना की वजह से सरकार के निर्देश के अनुरूप गूरु पूजन पर्व कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। विश्वनाथ मंदिर में विगत नौ दिनों से जारी नवधा भक्ति का समापन रविवार को हुआ। नौ दिनों तक भक्ति के नौ तरीके से भगवान श्रीराम की अराधना की। बीहट विश्वनाथ मंदिर स्थित महल में दुल्हे के रूप मे विराजमान परब्रह्म राम, जगतजननी जानकी जी का भव्य व मनमोहक शृंगार पीठासीन आचार्य के द्वारा किया गया। 56 प्रकार के प्रसादों का भोग भी लगाया गया। पीठासीन आचार्य राजकिशोर शरण ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर में नवधा भक्ति की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।

स्वयंसेवकों ने मनाया गुरु दक्षिणा उत्सव

गढ़हरा(बरौनी)। विद्यालय बारो के सभागार में रविवार को स्वामी दयानंद प्रभात शाखा के स्वयंसेवकों ने गुरु दक्षिणा उत्सव मनाया। इसका नेतृत्व शाखा कार्यवाह कन्हैया कुमार एवं मुख्य शिक्षक गोविंद आर्य ने किया। कार्यक्रम में बौद्धिक प्रमुख विश्व केतू निशान ने कहा कि भगवा ध्वज भारत का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ध्वज है। मौके पर नगर शारीरिक प्रमुख जितेंद्र कुमार, राहुल साहू, सचिन मेहता, विष्णु कुमार, सोनू कुमार, सत्यम कुमार, सुधीर राय ने विचार रखे।

बिना गुर के ईश्वर नहीं मिलते

डंडारी। जीवन में गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। धर्म शास्त्रों में भी कहा गया है कि बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलते हैं। इसी कड़ी में अषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इसको लेकर रविवार को मंदिरों में विशेष पूजा - अर्चना की गई।

गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

बलिया। गुरु पूर्णिमा पर सादीपुर, गोखलेनगर विशनपुर, कसबा, नौरंगा, ताजपुर, हुसैना, कमालपुर आदि गंगा नदी के घाटों पर स्नान किया। वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने मुंगेर एवं सिमरिया घाट पर गंगा स्नान किया। गंगा नदी के घाटों पर गंगा स्नान को श्रद्धालुओं की भीड़ देखी ही गई। वहीं मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए पूजा अर्चना की।

श्रावण मास में मंगला गौरी पूजन का है विशेष महत्व

गढ़पुरा। सावन मास में मंगला गौरी पूजन का विशेष महत्व है। मंगला गौरी का व्रत श्रावण मास के प्रति मंगलवार को किया जाता है। यह व्रत माता पार्वती यानि मां पार्वती को समर्पित है। कुम्हारसों निवासी पंडित चंद्रमोहन झा ने बताया कि गौरी पूजन नाम से स्पष्ट है कि मां पार्वती के लिए यह व्रत किया जाता है।

गुरु की कृपा से ही आत्मा एवं परमात्मा का दर्शन संभव

तेघड़ा। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सबसे ऊपर एवं महत्वपूर्ण माना गया है। उनके ज्ञान के बिना आत्मा एवं परमात्मा का दर्शन संभव नहीं है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर अधारपुर त्रिमुहानी मंदिर में गुरु उत्सव में महंथ गोपाल दास जी महाराज ने ये बातें कहीं। पंडित भूपेंद्र पाठक ने कहा कि महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ महीना के पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। चतुर्वेदों का संहिताबद्ध करने के कारण उनका नाम कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास पड़ा। उन्होंने 18 पुराण, उप पुराण, महाभारत, व्यास संहिता की रचना की। शिक्षक रंजीत कुमार ने बताया कि उन्होंने पिता से समाजसेवा की शिक्षा प्राप्त की और आज भी उन्हें याद करते हैं।

झमटिया घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

बछवाड़ा। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को झमटिया घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। स्नान घाट पर अहले सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगने लगा था। दोपहर 12 बजे तक गंगा स्नान को यहां पधारे श्रद्धालुओं का मेला सा लगा रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण झमटिया ढाला स्थित एनएच- 28 पर वाहनों की आवाजाही रोक-रोक कर कराई जा रही थी। रेलमार्ग ठप रहने के कारण मिथिलांचल के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर आदि दूरदराज के इलाके से श्रद्धालुओं का जत्था टेंपो व अन्य वाहनों से पहुंच रहा था। गंगा स्नान कर घाट पर स्थित शिवालय में जलाभिषेक को सुबह से दोपहर तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

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