ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार बेगूसरायदुर्गा है मेरी मां अंबे है मेरी मां से गुंजायमान हुआ संपूर्ण जिला

दुर्गा है मेरी मां अंबे है मेरी मां से गुंजायमान हुआ संपूर्ण जिला

दुर्गा पूजा को लेकर संपूर्ण माहौल भक्तिमय हो गया है। हर जगह दुर्गा है मेरी मां अंबे है मेरी मां आदि भजन से क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है। जिले के कई इलाकों में प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पट खोल...

दुर्गा है मेरी मां अंबे है मेरी मां से गुंजायमान हुआ संपूर्ण जिला
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायTue, 16 Oct 2018 07:30 PM
ऐप पर पढ़ें

दुर्गा पूजा को लेकर संपूर्ण माहौल भक्तिमय हो गया है। हर जगह दुर्गा है मेरी मां अंबे है मेरी मां आदि भजन से क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है। जिले के कई इलाकों में प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पट खोल दिया गया है। खोइंछा भरने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। बाजारों में खासी भीड़ देखी जा रही है। मंगलवार को पूरे दिन शहर में जाम का नजारा दिखा। मेला सा नजारा दिख रहा था। पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था। लोगों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन की ओर से कलेक्ट्रेट के अलावा कपसिया चौक के पास जिला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। सदर एसडीओ संजीव कुमार चौधरी ने शहर में मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। बताया कि नगर निगम के सहयोग से शहर की साफ-सफाई करायी गयी है। लाइटिंग की भी व्यवस्था करा दी गयी है। जर्जर बिजली तारों को बदल दिया गया है। प्रमुख चौक चौराहों के अलावा पूजा पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं।

बलिया से नि.सं. के अनुसार पूजा अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ लखमिनिया स्टेशन परिसर, धर्मशाला परिसर, उपरटोला, बलिया बाजार, शीतला स्थान, सत्तीचौडा, शेरणचक एवं लखमिनिया के मंदिरों में लगी है। मंगलवार की संध्या इन मंदिरों का पट खुलते ही देवी दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं देवी को महिलाओं द्वारा खोंइछा भरने का सिलसिला शुरू हो गया। लखमिनिया स्टेशन चौक से लेकर बाजार स्थित दुर्गा स्थान तक की सड़कों को रंग बिरंगे रोलेक्स एवं आकर्षक बल्बों से सजाया गया है। डंडारी से नि.सं. के अनुसार दुर्गा मंदिरों में मंगलवार की रात माता की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा के बाद पट खुलते ही खोंइछा भड़ने वाले महिला भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। तेतरी, डंडारी, बांक, बलहा, सुघरन एवं सिसौनी के दुर्गा दुर्गा मंदिरों में पूजनोत्सव को लेकर चहुंओर भक्तिमय माहौल है।

गढ़पुरा से ए.सं. के अनुसार सातवें दिन मंगलवार को महासप्तमी के अवसर पर मां कालरात्रि की पूजा प्रखंड के विभिन्न मंदिरों एवं पंडालों में निष्ठा और भक्ति के साथ की गई। जगह-जगह माता के भजन एवं दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से वातावरण गूंज रहा है। अनेक पंडालों का निर्माण कोलकाता के कारीगरों द्वारा किया गया है। मालीपुर, मोरतर, रजौड़, हरिगिरि धाम और सोनमा गांव स्थित बनाए गए बहुमंजिले पंडाल, बिजली की रौनक एवं प्रतिमा की साज सज्जा देखते ही बन रही है। इधर गढ़पुरा प्रखंड मुख्यालय स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में जानवर की जगह कुम्हड़ा, ईख, बेल आदि की बलि प्रदान कर निशा पूजा पश्चात प्रतिमा के दर्शनार्थ मंदिर के पट खोल दिए गए। मां दुर्गा का पट खुलते ही पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। प्रखंड के सुजानपुर, कुम्हारसों, भंसी, दुनहीं, हनुमान मंदिर गढ़पुरा, और बगल के मुर्रहा स्थित दुर्गा मंदिरों में पूजा अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है।

भारी वाहनों के प्रवेश पर लगी रोक

गढ़पुरा। निज संवाददाता

दुर्गा मेला को लेकर गढ़पुरा चौक से लेकर हरिगिरि धाम तक 2 किलोमीटर महाअष्टमी के दिन से दशहरा तक प्रशासन ने सुबह 8बजे से रात्रि 10 बजे तक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। थानाध्यक्ष रूबीकांत कच्छप ने बताया कि सभी पूजा पंडालों में मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी और शस्त्र बल की तैनाती की गई है। इधर मालीपुर में तीन दिवसीय कुश्ती प्रतियोगिता बुधवार से आरंभ हो रही है। यहां मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब आदि प्रदेशों के पुरुष और महिला पहलवान मंगलवार से ही यहां पहुंचने लगे हैं। मालीपुर दुर्गा मंदिर दो सौ नीटर पूरब मुख्य पथ से सटे खेत में अखाड़े का निर्माण किया गया है। मीना बाजार और झूले की भी यहां व्यवस्था की गई है। सोनमा अष्टभुजी दुर्गा मंदिर परिसर में व्यवस्थित तरीके से मेले को लेकर दुकानों को सजाया गया है। मोरतर, मालीपुर, गढ़पुरा रजौड़ और सोनमा गांव में दुर्गा मेला के दौरान नाटक का आयोजन भी किया गया है।

मां के वैष्णवी रूप की होती है पूजा

वीरपुर। निज संवाददाता

वीरपुर बाजार में स्थापित माता भवानी की महिमा अपरम्पार है। यह सिद्धिदात्री हैं। भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। वीरपुर में मां के वैष्णवी रूप की पूजा होती है। यहां वैदिक पद्धति से पूजा का अनुष्ठान किया जाता है। कहा जाता है कि वीरपुर में जब से दुर्गा पूजा शुरू हुई है तब से यहां शांति व सदभाव का वातावरण कायम हो सका है। लोगों के कष्ट दूर हो रहे हैं। भय का माहौल समाप्त हुआ है। लोग इसे मां दुर्गा की कृपा मानते हैं। इसलिए मां दुर्गा के प्रति आस्था में तेजी से वृद्धि हुई है। यहां श्रद्धालु मन वांछित कामना के साथ फूल व प्रसाद चढ़ाने, खोंइछा भरने व दीप जलाने के लिए बड़ी संख्या में जुटते हैं।

तेघड़ा से नि.सं. के अनुसार स्थानीय बाजार सत्संग भवन मंडप पर फल एवं मुख्य भगवती मंदिर में सैकड़ों लोगों को मालपूआ प्रसाद का वितरण किया गया। मारवाड़ी समाज की स्थानीय शाखा के सचिव सूर्य नारायण अग्रवाल ने बताया कि माता को छप्पन भोग लगाने के बाद भक्तों के बीच मालपूआ के वितरण करने से देवी प्रसन्न होती हैं। व्यावसायिक संघ के सचिव सुरेश रौशन, युवा व्यवसायी सुशील कुमार केजरीवाड़, गिरधारी लाल शर्मा आदि थे। दूसरी ओर दशहरा पर्व एवं मेला के अवसर पर असामाजिक तत्वों के विरुद्ध पुलिस एवं प्रशासन चौकस है। क्षेत्रों में वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गईं है। पुलिस इन्संपेक्टर सह थानाध्यक्ष राजविन्दु कुमार ने बताया कि 250 लोगों के विरुद्ध 107 की कार्रवाई की गईं है।

माता के दरबार में नारियल चढ़ाने की है परंपरा

बछवाड़ा। मनकामेश्वरी धाम भरौल में मां दुर्गा भक्तों की मन से मांगी गई मुरादें पूरी करती हैं। यहां मां दुर्गा को चुनरी व नारियल चढ़ाकर पूजा-अर्चना करने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर परिसर में पहुंचते ही उन्हें एक अद्भुत शांति व सुकून की अनुभूति होती है। मां की भव्य प्रतिमा के दर्शन के बाद उनके सभी कष्टों का हरण हो जाता है। जगराता की रात से विजयादशमी तक माता के दर्शन को लेकर यहां दूर-दूर से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। मैया के जयकारे व देवी गीतों से इलाका गुंजायमान रहता है। समाजसेवी सुभाष कुमार ईश्वर उर्फ कंगन ने बताया कि मां के दरबार का प्रसाद के रूप में बताशा व नारियल लेने के लिए भक्तों में होड़ मची रहती है। यहां माता का प्रसाद बिगड़े कामों को सिद्ध बनाता है।

लाल भगवती को शक्तिपीठ के रूप में पूजते हैं श्रद्धालु

गढ़हरा। बारो शाह नगर स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर स्थित मां लाल भगवती की आराधना करने से मानव तृप्त हो जाता है। यह पाटला भगवती सिद्धि और शक्तिपीठ के रूप में माना जाता है। करीब सौ साल से यहां लाल भगवती की पूजा हो रही है। बारो में सबसे पहले विसर्जन के लिए इन्हें ही आमंत्रण दिया जाता है। महंत अशोक दास ने बताया कि जिले में बखरी, लखनपुर, बरौनी फ्लैग, बीहट और बारो में ही लाल भगवती स्थापित हैं। 2003 से पूर्व मां की पूजा झोपड़ी मंदिर में ही हो रही थी। इसके बाद उनके प्रयास से शिलान्यास कर पक्का का मंदिर बनाया गया है। समाजसेवी गोपाल पोद्दार, राजेश कुमार, पुजारी पप्पू दास, राजेंद्र कुमार, रामविलास रजक, लवकुश चन्द्र दास, जवाहर दास, विनोद साह आदि तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

लोगों में दिख रहा उत्साह

साहेबपुर कमाल। प्रखंड क्षेत्र में शारदीय नवरात्र व दूर्गा पूजा को लेकर माहौल भक्तिमय बना हुआ है। अलग-अलग गांवों में स्थित दूर्गा मंदिरों में रोज सैकड़ों लोग पूजा-अर्चना में शामिल हो रहे हैं। मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होने वाले हवन-अनुष्ठान में लोग मां दुर्गा की भक्ति में लीन नजर आते हैं। प्रखंड मुख्यालय से सटे कुरहा बाजार में लगने वाले को लेकर भी ग्रामीणों में उत्साह है। दुर्गा पूजा के अवसर पर यहां लगने वाला मेला प्रखंड का सबसे बड़ा मेला माना जाता रहा है। यहां प्रखंड के पचास से अधिक गांवों के लोग मेला देखने पहुंचते हैं। न्यास समिति, कुरहा के अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद यादव बताते हैं कि यहां का मेला वर्षों से प्रखंड क्षेत्र के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें