विस्थापित परिवारों को कटाव ग्रस्त गड्ढे का ही दे दिया वासगीत पर्चा
लीड:::::::::विस्थापित परिवारों ने कहा-महज एक-एक डिसमिल मिली है जमीन, वह भी करीब 30 फीट गहरी खाई में

बछवाड़ा, निज संवाददाता। गंगा के कटाव से विस्थापित दर्जनों भूमिहीन परिवारों को स्थानीय अंचल प्रशासन ने दियारे के कटाव ग्रस्त गड्ढे की जमीन का ही वासगीत पर्चा दे दिया। जब भूमिहीन परिवार खाता-खेसरा के आधार पर पर्चे वाली जमीन को ढूंढने निकले तो उक्त जमीन रानी गांव के सामने गंगा बाया नदी के पास बतायी गयी। वर्तमान में उक्त जमीन बड़े जलाशय में तब्दील है। लिहाजा गंगा के कटाव से विस्थापित कुल 55 परिवारों ने शनिवार को प्रखंड सह अंचल कार्यालय बछवाड़ा पहुंचकर अपना वासगीत का पर्चा वापस कर दिया है। कटाव से विस्थापित भूमिहीन परिवारों ने अंचल कार्यालय में सीओ की अनुपस्थिति में अंचल नाजिर के हवाले कर दिया है।
पर्चा वापस करने के बाद भूमिहीन परिवारों ने नए सिरे से कम से कम तीन-तीन डिसमिल बसने योग्य जमीन उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर नारेबाजी भी की। भूमिहीन परिवारों का नेतृत्व पूर्व मुखिया उमेश कुंवर कवि कर रहे थे। पूर्व मुखिया ने बताया कि 1971 में गंगा के कटाव से विस्थापित होकर दर्जनों परिवार आजाद नगर के समीप रेलवे की जमीन पर अपनी जिंदगी काट रहे हैं। जमीन के अभाव में इन परिवारों को पक्का मकान भी नहीं मिल पा रहा है। इन परिवारों को रेल प्रशासन द्वारा बार-बार जमीन खाली करने का फरमान जारी किया जा रहा है। चार माह पूर्व रानी- एक पंचायत के आजाद नगर व झमटिया के कटाव से विस्थापित इन भूमिहीन परिवारों को कहा गया कि अरवा में प्रति परिवार तीन डिसिमल जमीन का पर्चा उपलब्ध कराया जाएगा। फिर उन्हें बस के द्वारा कंकौल में अभियान बसेरा के तहत शिविर लगाकर राजस्व मंत्री के हाथों महज एक-एक डिसमिल जमीन का पर्चा वितरण किया गया था। जब जमीन की खोज की गई तो पर्चे वाली उक्त जमीन एक बड़ा जलाशय के रूप में मिली है। नोखे पासवान, लाल मुनी देवी, रामेश्वर पासवान, कंचन देवी, बड़ेलाल राम, रामसागर महतो, छोटेलाल राम समेत चार दर्जन से अधिक परिवारों को गंगा के कटाव क्षेत्र में प्रति परिवार एक - एक डिसमिल का पर्चा दिया गया है। भूमि परिवारों ने बताया कि पर्चा में वर्णित खाता- खेसरा की भूमि बसने के लायक नहीं है। कहीं गड्ढा है, तो कहीं पानी भरा क्षेत्र है। भूमिहीन परिवार शुक्रवार को जब पर्चा वापस करने अंचल कार्यालय पहुंचे थे तो सीओ अनुपस्थित थे। राजस्व अधिकारी इन भूमिहीन परिवारों से पर्चा वापस लेने को तैयार नहीं हुए थे। बीडीओ व आरओ ने शनिवार को कार्यालय आकर सीओ को पर्चा वापस करने की बात कहकर लौटा दिया था। शनिवार को भी अपराह्न 2:00 बजे तक अधिकारियों के गायब रहने पर भूमिहीन परिवारों ने अंचल नाजिर को पर्चा वापस कर अपने गुस्से का इजहार किया।
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