कोरोना वायरस का संक्रमण जिले में तेजी से पांव पसार रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का अपना दावा है कि सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज की पुख्ता व्यवस्था है। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। जानकारी के अनुसार पहले सदर अस्पताल में 24 घंटे कोरोना की जांच की सुविधा थी। लेकिन बुधवार की रात अस्पताल में कोरोना की जांच नहीं हो पाई। रात में कोरोना की जांच किसके आदेश पर नहीं किया गया यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन इसके कारण कई तरह की परेशानी शुरू हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार शहर के एक निजी अस्पताल में इलाजरत मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया। मरीज को आनन-फानन में भर्ती किया गया। लेकिन रात में कोरोना सैंपल लिए बिना उसे इलाज के लिए भर्ती किया गया। बाद में गुरुवार की सुबह उक्त मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत के बाद परिजन भी कहीं चले गए। ऐसे में मरीज के शव को वार्ड से हटाकर पोस्टमार्टम हाउस की तरफ रखा गया। बाद में मृतक के परिजन शव ले गए। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि डेड बॉडी को तत्काल वार्ड से हटाकर सुरक्षित जगह पर रख दिया गया। उन्होंने बताया कि डेड बॉडी की कोरोना जांच नहीं हो पाएगी। ऐसे में यह पता करना मुश्किल है कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है वह कोरोना पॉजेटिव है नहीं। कहा जिस अस्पताल में मरीज का इलाज चल रहा था वहां से भी कोई रिपोर्ट नहीं आई। इधर, रात में कोरोना जांच नहीं होने के लेकर सिविल सर्जन से उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई। लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।