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कल्पवास की सदियों पुरानी परंपरा को टूटने से बचाएं: स्वामी चिदात्मन

पेज चार...बॉटम सीओ सुजीत सुमन व अन्य अधिकारी। साधु-संतों ने कहा-मेला नहीं लगे, लेकिन कल्पवास साधना पर नहीं लगे...

कल्पवास की सदियों पुरानी परंपरा को टूटने से बचाएं: स्वामी चिदात्मन
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायMon, 12 Oct 2020 07:20 PM
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सिमरिया धाम में त्रेता युग से चली आ रही कल्पवास की परंपरा को इस बार शास्त्र व संविधान को ध्यान में रख जिला प्रशासन से कल्पवास साधना की अनुमति देने की मांग की गई है ताकि राजा जनक के समय से ही सिमरिया में चली आ रही कल्पवास की परंपरा भी न टूटे और मेला भी नहीं लगे। ये बातें रविवार की शाम सिमरिया धाम के सर्वमंगला सिद्धाश्रम में स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहीं। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर इस साल सिमरिया में आयोजित होने वाले कल्पवास मेले के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सर्वमंगला सिद्धाश्रम सिमरिया धाम में डीएम के निर्देश पर बरौनी सीओ सुजीत सुमन, बरौनी इंस्पेक्टर राजीव कुमार लाल व चकिया ओपी प्रभारी राकेश गुप्ता ने मेला समिति व साधु-संतों के साथ बैठक कर इस साल मेला नहीं लगने की जानकारी दी।

स्वामी चिदात्मन जी ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस साल मेला, लाउडस्पीकर, प्रचार-प्रसार व भीड़ नहीं लगे लेकिन कल्पवास साधना की जो परम्परा चली आ रही है उस पर जिला प्रशासन से प्रतिबंध नहीं लगाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा होने से कल्पवास की सदियों पुरानी परंपरा टूट जाएगी। स्वामी चिदात्मन जी ने कहा कि संविधान का दायित्व होता है शास्त्र की रक्षा करना। बैठक में सर्वमंगला सिद्धाश्रम के रविन्द्र ब्रह्मचारी, लक्ष्मी नारायण कथाकुंज खालसा के हरिकांत शास्त्री, सुशील सिंह, दिनेश सिंह, मीडिया प्रभारी नीलमणि, संवेदक दिलीप कुमार, मां गंगा सिमरिया घाट सेवा समिति के महासचिव रामजी झा आदि मौजूद थे।

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