ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार बेगूसरायडॉक्टर करते रहे विरोध प्रदर्शन, इलाज के लिए मरीज रहे परेशान

डॉक्टर करते रहे विरोध प्रदर्शन, इलाज के लिए मरीज रहे परेशान

आईएमए के आह्वान पर शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर सदर अस्पताल से लेकर निजी नर्सिंग होम पर पड़ा। नतीजा हुआ कि इलाज में देर होने से समस्तीपुर जिले के बिथान थाना के मथरूआ गांव निवासी रामाशीष...

डॉक्टर करते रहे विरोध प्रदर्शन, इलाज के लिए मरीज रहे परेशान
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायFri, 14 Jun 2019 08:12 PM
ऐप पर पढ़ें

बेगूसराय। निज प्रतिनिधि

आईएमए के आह्वान पर शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर सदर अस्पताल से लेकर निजी नर्सिंग होम पर पड़ा। नतीजा हुआ कि इलाज में देर होने से समस्तीपुर जिले के बिथान थाना के मथरूआ गांव निवासी रामाशीष मुखिया की चार वर्षीया पुत्री प्रीति कुमारी की मौत सदर अस्पताल में हो गयी। इससे अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती मरीजों में हड़कंप मच गया। जबकि सिविल सर्जन बृजनंदन सिंह ने आरोप को खारिज करते हुए बताया कि बच्ची का सही ढंग से इलाज किया गया। वह चमकी बुखार से पीड़ित थी। वहीं, दूरदराज से इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ा। सुबह आठ बजे से ही मरीजों का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया था। लेकिन, हड़ताल के कारण मरीज वापस लौट रहे थे। मरीजों को चिकित्सकों से इस बात की नाराजगी थी कि हड़ताल ही करनी थी तो चिकित्सकों को एक दिन पहले प्रचार-प्रसार करवाना चाहिए था कि आज हड़ताल है।प्रीति एम्बुलेंस में आधा घंटी तक पड़ी रही, चिकित्सकों की ओर से कहा गया हड़ताल हैबेगूसराय। मृतका की मां ने बताया कि बेटी को रात से ही चमकी बुखार था। शुक्रवार को बखरी पीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया लेकिन वहां इलाज नहीं हुआ। एम्बुलेंस वाले बेगूसराय जाने के लिए पहले तैयार नहीं हुए। आरजू-विनती करने पर जवाब मिला 1500 रुपये भाड़ा लगेगा। बच्ची की जान बचाने के लिए उन्होंने अधिक भाड़ा देकर सदर अस्पताल पहुंचा। इधर, बच्ची की जान बचाने के लिए मृतका प्रीति की मां आधा घंटे तक इलाज के दुहाई करती रही लेकिन चिकित्सक व कर्मी से जवाब मिलता रहा कि हड़ताल में जान मरवाने के लिए क्यों आ गयी। आखिरकार किसी सज्जन के दवाब पर भर्ती कराया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इलाज के दो तीन घंटे बाद प्रीति ने चिकित्सकों के इस हड़ताल पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए सदा के लिए दुनिया को छोड़ गयी।स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराने पर गोद में मरीज को उठायाबेगूसराय। दिन बढने के साथ गर्मी भी अपने परवान पर था। उमस भरी गर्मी की परवाह किये बगैर अकहा विष्णुपुर के धनेश्वर पासवान के पुत्र राकेश कुमार को इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचे। स्ट्रेचर के अभाव में पहले परिसर में बैठे रहे। स्ट्रेचर की मांग परिजन करते रहे लेकिन स्वास्थ्य कर्मी मरीज से कह रहे थे सौ आज हड़ताल है। मरीज को छोड दीजिए भगवान का भी बात आज नहीं मानेंगे। थक हारकर धनेश्वर ने अपने पुत्र को गोद में उठाया व इलाज के लिए वार्ड ले गये। तस्वीर इसकी जमीनी हकीकत बता रहा है। लेकिन अस्पताल प्रशासन का दावा सबकुछ ठीकठाक रहा।जमीन पर पड़ा रहा वृद्ध, देखने वाला कोई नहींबेगूसराय। पसपुरा निवासी 80 वर्षीय युगेश्वर पासवान इलाज के अभाव में ओपीडी विभाग में फर्श पर पड़ा रहा। रह-रहकर कुछ स्वास्थ्यकर्मी आते-जाते रहे। लेकिन इस बुजुर्ग पर स्वास्थ्यकर्मियों का ध्यान नहीं जाना व इलाज नहीं करना सदर अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है।चिकित्सकों ने कलेक्ट्रेट पर धरना देकर किया विरोध प्रदर्शनबेगूसराय। आईएमए के आह्वान पर शुक्रवार को दर्जनों चिकित्सकों ने कलेक्ट्रेट पर एक दिवसीय धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की सुरक्षा की गारंटी के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग कर रहे थे।आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ. नंदकिशोर सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर हुए हमले की घटना ने देश को हिला कर रख दिया है। जब डॉक्टर खुद सुरक्षित नहीं रहेंगे तो मरीज का इलाज कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए बिहार सरकार की ओर से कानून बनाये गये हैं लेकिन एक्ट सरजमीं पर लागू नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सीएम नीतीश से चिकित्सकों के लिए बनाये गये सुरक्षा एक्ट को लागू कराने की मांग की। यदि एक्ट जल्द लागू नहीं हुआ तो आईएमए के बैनर तले आंदोलन को तेज किया जाएगा। कार्यक्रम समापन के बाद अध्यक्ष व सचिव डॉ. निशांत रंजन के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने पीएम व गृह मंत्री के नाम एक सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन डीएम को सौंपा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें