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सदर अस्पताल जहां मिलती है मैनुअल रिपोर्ट

जिलेवासी ध्यान दें। अगर आप बांका के किसी भी निजी क्लीनिक में अपना इलाज करवा रहे हैं और उनकी ओर से पक्का रिपोर्ट नहीं दिया जा रहा हो तो घबराये नहीं। क्योंकि बांका में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति यह है...

सदर अस्पताल जहां मिलती है मैनुअल रिपोर्ट
हिन्दुस्तान टीम,बांकाSat, 20 Jan 2018 12:30 AM
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बांका | हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

जिलेवासी ध्यान दें। अगर आप बांका के किसी भी निजी क्लीनिक में अपना इलाज करवा रहे हैं और उनकी ओर से पक्का रिपोर्ट नहीं दिया जा रहा हो तो घबराये नहीं। क्योंकि बांका में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति यह है कि सदर अस्पताल भी पक्के रिपोर्ट की जगह मैनुअल से ही काम चला रही है। ऐसे में निजी क्लीनिकों से पक्के रिपोर्ट की अपेक्षा रखना लाजमी नहीं होगी। दरअसल, बांका में सरकारी अस्पताल के तौर पर शहर के गांधी चौक पर स्थित अनुमंडल अस्पताल को जाना जाता था। लेकिन 22 फरवरी 1991 में बांका को जिला का दर्जा प्राप्त होने के बाद वर्ष 2010 में सदर अस्पताल को चालू कराया गया। तब से आजतक सदर अस्पताल में एक्सरे व अल्ट्रा साउण्ड कराने वाले मरीजों को रिपोर्ट महज शब्दों से दे दी जाती है कि उन्हें परेशानी क्या है। रिपोर्ट के नाम मैनुअल थमाया जाता है, जिसे अन्य जिले में दिखाकर अपना इलाज नहीं करा सकते हैं। हालांकि, सदर अस्पताल का अल्ट्रा साउण्ड मशीन पिछले डेढ़ वर्षो से खराब पड़ा है। इस वजह से मरीजों को इसका लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इधर, बता दें कि केन्द्र सरकार हर सामानों के खरीदारी पर पक्की रशीद लेने की बात कहते है। क्योंकि, जमाना मैनुअल का नहीं बल्कि कैशलेस का है। जबकि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए हरेक जिले में जेएनएम से लेकर एएनएम ट्रेनिंग सेंटर तक खोल रही है। लेकिन, तत्कालीन स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की दिशा में न ही राज्य सरकार कटिबद्ध है और न ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग औपचारिकता के तौर पर बीच-बीच में पत्र लिखने का काम करती रहती है। जनाब, रिपोर्ट कभी दी भी नहीं गयी मैनुअल रिपोर्ट थमाये जाने का कारण जब स्वास्थ्य कर्मियों से हिन्दुस्तान टीम ने जानने की कोशिश की। तो बताया गया कि रोडियोलोजिस्ट का अभाव है। सवाल - रोडियोलॉजिस्ट तो नहीं था। जवाब - जनाब, रिपोर्ट कभी दिया भी नहीं गया। सवाल - इलाज कैसे होता है। जवाब - एक्सरे देख मरीज को बताया दिया जाता है कि उनकी हड्डी टूटी है या नहीं। सवाल - टूटने पर क्या करते हैं। जवाब - हड्डी विशेषज्ञ के अभाव में कर दिया जाता है रेफर। गौरतलब है कि जिले के किसी भी निजी क्लीनिक में अपना इलाज करवा रहे हैं और उनकी ओर से पक्का रिपोर्ट नहीं दिया जा रहा हो तो घबराये नहीं। क्योंकि बांका में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति यह है। ऐसे में निजी क्लीनिकों से पक्के रिपोर्ट की अपेक्षा रखना लाजमी नहीं होगी।बांका सदर अस्पताल। फोटो: हिन्दुस्तान

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