बिहार से झारखंड व बंगाल को जोड़ने वाला सुखनिया पुल की हालात हो रही गंभीर
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- हरिनारायण सिंह सावन में बढ़ेगा वाहनों का दबाव व्यवसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सुखनियां पुल का अबतक

व्यवसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सुखनियां पुल का अबतक नहीं हो सका निर्माण बरसात में भारी मात्रा में सुखनियां नदी में आ जाता है पानी पुल पर बना रहता है खतरा पुल के पाए हैं क्षतिग्रस्त बालु के बोरे पर टिका है पुल का पाया दस सालों से क्षेत्रवासी कर रहें है पुल निर्माण की मांग बौंसी(बांका)। निज संवाददाता बिहार झारखंड एवं बंगाला को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग भागलपुर दुमका नेशनल हाईवे संख्या 133 ई पर बना सुखनिया पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। सुखनियां नदी के उपर बने इस पुल की हालत काफी खराब हो चुकी है। पुल के दोनों भाग में पाए एवं रेलिंग पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं।
दो माह के बाद सावन माह आरंभ होने वाला है। इस दौरान हजारों की संख्या में यात्री वाहनों के अलावा अन्य वाहन इस मार्ग पर होकर गुजरते हैं। लेकिन इस मार्ग पर बना सुखनियां पुल का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है। पुल की हालत इतनी खराब है कि 2017 में इसके एक पाए के बीच में दरार आ गया था और पूल के बीच में एक बड़ा सा छेद बन गया। जिसके बाद कुछ दिनों के लिए आवागमन को रोककर पुल की मरम्मत कराई गई और बालू के बोरे एवं बोल्डर देकर दोनों पायों के बीच से सपोर्ट दिया गया और आवागमन चालू किया गया है तब से उसी प्रकार इस पुल पर वाहनों का आवागमन जारी है। पुलों के दोनों तरफ ना तो कोई खतरे का बोर्ड लगाया गया है ना ही चालक धीमी गति से इस पर पार करते हैं गति सीमा निर्धारित नहीं होने की वजह से किसी भी दिन स्कूल पर हादसा हो सकता है। पूल के रेलिंग भी काफी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। 10 जुन से बिहार में मानसुन का प्रवेश होने जा रहा है। मानसुन में सुखनियां नदी में अचानक भारी मात्रा में पानी आ जाता है इस दौरान नदी के पानी में पुल के पाए से पूरी से डूब जाता है। इससे पुल पर खतरा मंडराता रहता है। कभी भी इस पूल का भाग क्षतिग्रस्त हो सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है। पिछले दस सालों से क्षेत्र के लोग इस अतिमहत्वपूर्ण पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन इस दिशा में सड़क निर्माण विभाग द्वारा लगातार उपेक्षा की जा रही है। ना तो भारी वाहनों के प्रवेश से संबंधित इस पुल पर को बोर्ड लगाया गया है ताकि भारी वाहन कम स्पीड में इस पुल से पार कर सके। कहते हैं जिम्मेवार सुखनियां पुल की पुराना है। पिछले बरसात में भी इसका जायजा लिया था। इसकी रिपोर्ट डीएम को भेजी गई है। जल्द इसका निर्माण हो इसके लिए फिर से एक पत्र भेजा भेजा जाएगा। अमित कुमार। बीडीओ बौसी क्या कहते हैं क्षेत्रवासी सुखनियां पूल इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण पुल है। इससे होकर देवघर, दुमका, रांची, कोलकाता आदि जगहों पर हमलोग जाते हैं साथ ही इसका व्यवसायिक भी महत्व है इसलिए इस पुल का निर्माण अवश्य होना चाहिए। राजीव कुमार सिंह, अध्यक्ष व्यवसायी संघ बौंसी सुखनियां पुल के निर्माण की मांग हमलोग लगातार करते आ रहे हैं। लेकिन अबतक सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रहा है इसलिए इसे जल्द निर्माण किया जाए। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। मनीष केडिया बौसी। बांका सावन माह मे काफी संख्या में कांवरिया इस मार्ग पर चलते हैं साथ ही इस पुल का बासुकानाथ कांवर मार्ग में काफी महत्वपूर्ण है जल्द यह पुल बने। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। रवि बजाज माड़वारी टोला बौंसी बांका वासियों के लिए सुखनियां पुल का निर्माण होना काफी जरुरी है। इसके बनने से क्षेत्र के लोगों को काफी सुविधा होगी। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। रमेश कुमार बगडूम्बा बौंसी इतने महत्वपूर्ण पुल की आज तक उपेक्षा की जा रही है इसका निर्माण होना काफी जरुरी है। पुल काफी पुराना हो गया है जबकि इस मार्ग पर काफी वाहन चलते हैं। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। आमिर पाठक वार्ड सदस्य बौंसी भागलपुर, पूर्णिया, बेगुसराय, कटिहार सहित अन्य जगहों से यात्री वाहन एवं बसे इस मार्ग से रांची, कोलकाता, धनवाद, दुर्गापुर, आसनसोल आदि जगहों के लिए गुजरती है। इस पुल का निर्माण होना अत्यंत जरुरी है। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। आलोक सिन्हा, बौंसी बस स्टैंड। बौंसी वासियों को काफी दिनों से सुखनियां पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं अगर पुल का निर्माण शीघ्र नहीं हुआ तो वरसात में इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो सकता है।बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। अभिषेक कुमार। बाबूडीह। भारी वाहनों के साथ साथ अन्य वाहनों का भी इस मार्ग पर परिचालन होता है। पुल का रख रखाव एवं मेंटनेंस नहीं हो रहा है इससे खतरा हमेशा बना रहता है। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। मंजेश कुमार, बौसी बौंसी ही नहीं पूरे जिले वासियों के लिए यह पुल काफी महत्वपूर्ण है। इसका निर्माण जल्द हो। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। अजय साह बौंसी वार्ड सदस्य। भागलपुर दुमका एनएच पर भारी वाहनों का अत्यधिक दबाब है इस पुल का निर्माण जल्द कराया जाए ताकि आने वाले समय में किसी प्रकार का हादसा नहीं हो। बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। रोनू सिंह ब्रह्मपुर। आखिर इतने महत्वपूर्ण पुल का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है जबकि एनएच 133 ई काफी वाहन चलते हैं इसका निर्माण जल्द हो।बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। पंकज कुमार बौसी। यहां पर बड़ा और चौड़ा पुल बने। पुल बनने पर नदियों का प्रवाह बाधित न हो, इसका भी ख्याल रखा जाए उन्होंने कहा कि पुल का जल्द निर्माण हो।बंगाल उड़ीसा झारखंड सहित कई राज्यों से होकर मालवाहक वाहन इस पुल से गुजरते हैं इस वजह से इस सेतु का महत्व काफी है। पूर्व बिहार को झारखंड बंगाल से जोड़ने वाला यह एक प्रमुख सेतु है। पुल पर भारी वाहन जब गुजरते हैं तो पुल हिलने लगता है। प्रदीप कुमार झा बौसी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।