स्कूली बच्चे बने मृदा के चिकित्सक, किये 100 मिट्टी के नमूनो की जांच
अलविदा 2024 :अलविदा 2024 : सूबे में स्कूल स्वायल हेल्थ कार्ड का लक्ष्य हासिल करने वाला पहला जिला बना बांका 10 हजार 265 मिट्टी के

बांका। निज प्रतिनिधि। जिले में स्कूली बच्चे भी मृदा चिकित्सक बन कर फसल की पैदावार बढाने में सहायक बने हैं। इसके लिए सूबे में सरकार की ओर से शुरू किये गये स्कूल स्वायल हेल्थ कार्ड कार्यक्रम में बांका जिला ने पहला स्थान हासिल किया है। यहां के जवाहर नवोदय विद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालय के 450 छात्र-छात्राओं को मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था। जिन्हें कृषि विभाग की ओर से मिट्टी जांच का प्रशक्षिण दिया गया था। यह प्रशक्षिण स्कूल सॉइल हेल्थ कार्ड प्रोग्राम के तहत भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के दिशानर्दिेशों के तहत दिये गये थे। इसके बाद केंद्रीय वद्यिालय बांका को 50 मिट्टी के नमूनों एवं जवाहर नवोदय वद्यिालय बौंसी को 50 मिट्टी के नमुनो की जांच का लक्ष्य दिया गया था। जिसे ससमय पूरा कर सभी नमूनों की जांच कर ली गई। इस दरम्यान स्कूली बच्चे मृदा चिकित्सक बन कर किसानों को उनके खेतों की मिट्टी की प्रकृति के अनुरूप उसमें उर्वरक के इस्तेमाल की जानकारी दी। जिससे उनके फसल उत्पादन की दर में बढोतरी हो सके। बच्चों की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड जारी किये गये। जिससे वे अपने खेतों की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकें। जिससे फसल उत्पादन क्षमता में बढोतरी हो सके।
10 हजार 265 किसानों को जारी किया गया स्वाइल हेल्थ कार्ड
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत बांका जिले को 10 हजार 300 मिट्टी के नमूनों की जांच कर किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड जारी किये जाने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें अब तक मिट्टी के नमूनों की जांच करते हुए 10 हजार 265 किसनो को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है।
12 पैरामीटर पर की गई मिट्टी के नमूनों की जांच
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत मट्टिी के कुल 12 पैरामीटर की जांच कर किसनो को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है। किसानों के लिए यह सुविधा सरकार की ओर से बल्किुल मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है। जिससे खेतों में सही मात्रा में उर्वरकों के इस्तेमाल से किसान फसलों की पैदावार को बढा कर समृद्ध बन सकें। इससे उनके आय में भी बढोतरी होगी।
चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला की भी सुविधा
सहायक निदेशक रासायन कृष्ण कांत ने बताया कि जिले में 30 दिसंबर से 3 जनवरी तक चलंत मट्टिी जांच प्रयोगशाला का परभ्रिमण बांका जिला के विभन्नि गांवो में करवा कर किसानों के खेतों की मिट्टी के नमूनों की जांच के लिए जागरूक किया जायेगा। इसके साथ ही उनके खेतों की मिट्टी में उपलब्ध पोशाक तत्वों की महत्ता एवं उसकी मात्रा को संतुलित रखने के लिए आवश्यक सुझाव दिये जाएंगे।
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