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‘प्रकृति डैशबोर्ड करेगा कोरोना के प्रसार का आंकलन

आईटीआई दिल्ली ने तैयार किया डैशबोर्ड

‘प्रकृति डैशबोर्ड करेगा कोरोना के प्रसार का आंकलन
हिन्दुस्तान टीम,बांकाSat, 25 Apr 2020 10:34 PM
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आईटीआई दिल्ली ने तैयार किया डैशबोर्डतीन सप्ताह पूर्व ही करेगा प्रसार के आंकड़ों की गणना

बांका। निज प्रतिनिधि

विश्वव्यापी नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए कई नामचीन देशों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगे हुए हैं। इसमे भारत भी शामिल है। इसी कड़ी में भारतीय प्रौधौगिकी संस्थान (आईआईटी ) दिल्ली देश में कोरोना के होने वाले संभावित प्रसार का तीन सप्ताह पूर्व ही पता लगाने की तकनीक ईजाद की है। इसके लिए आईआईटी के शोधकर्ताओं ने 'प्रकृति' नामक एक डैशबोर्ड तैयार किया है। यह डैशबोर्ड देश के सभी जिलों में संभावित प्रसार का पता लगाने में सक्षम होगा। जो कोरोना के प्रसार की गणना कर 21 दिन पूर्व ही इसका आंकड़ा प्रस्तुत करेगा। इसे साप्ताहिक अपडेट किया जाएगा। कोरोना वायरस की गणना में बुनियादी प्रसार संख्यां (आरओ) एक महत्वपूर्ण मानक है। जो उन लोगों की संख्या बताएगा जिसे एक संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण हो सकता है। एक संक्रमित व्यक्ति जितने व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है, उसकी गणना आरओ के जरिये की जाएगी। जिसके आधार पर आरओ कोरोना को नियंत्रित किया जा सकेगा। ये तकनीक पूरी तरह गणितीय मॉडल पर आधारित है। इसमें जनसंख्या को चार वर्गों में बंटा गया है। संक्रमित श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है, जो कोरोना से संक्रमित हैं। उजागर श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं। संवेदनशील श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है, जो वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं। जबकि पृथक श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है, जो अब वायरस के वाहक नहीं हैं। इससे कोरोना पर काबू पाने में मदद मिलने की उम्मीद है। विकसित किए गए मॉडल :जिले में आरओ की गणना के लिए मॉडल विकसित किए गए हैं। जिसके आधार पर डैशबोर्ड आरओ की गणना करेगा। इसमें प्रशासनिक हस्तक्षेप, वायरस की उपरता एवं मौसम प्रभाव को समायोजित किया गया है।संसाधन जुटाने व योजना तैयार करने में मिलेगी मदद :प्रकृति डैशबोर्ड से वायरस के प्रसार का पता लगने से स्वास्थ्य निकायों एवं सरकार को भविष्य के लिए योजना बनाने और संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।जिलावार देगा आरओ की जानकारी :डैशबोर्ड के जरिए जिलावार आरओ की जानकारी मिल सकेगी। जिसके आधार पर स्थानीय स्तर पर कोरोना के प्रसार का सही डर पता लग सकेगा। ये विभिन्न लॉकडाउन के प्रभाव का ध्यान रखेगा। जिससे उच्च आरओ वाले राज्यवार जिलों में कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।कोट...नोवल कोरोना वायरस के प्रसार का पता लगाने के लिए आईआईटी दिल्ली ने प्रकृति डैशबोर्ड तैयार किया है। जिसके जरिये जिले में कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे लोगों को संक्रमण से बचने में काफी हद तक मदद मिलेगी।प्रमोद चौधरी, आईटी प्रबंधक, बांका

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