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नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू

लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...

लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
1/ 4लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
2/ 4लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
3/ 4लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
4/ 4लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर...
हिन्दुस्तान टीम,बांकाMon, 12 Nov 2018 01:01 AM
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लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ रविवार से शुरू हो गया। सोमवार को खरना मनाया जाएगा। रविवार को सभी व्रती सुबह होते ही चांदन व ओढ़नी नदी के साथ ही अपने घरों में स्नान कर पूरे नेम-निष्ठा के साथ अरवा चावल, चना का दाल व कद्दू की सब्जी बनाने में जुटी रहीं।

इस दौरान किसी भी प्रकार की चूक न हो, इस पर व्रती की खास नजर थी। व्रतियों ने कांसे व मिट्टी के बर्तन में भोजन तैयार करने का काम किया। वहीं इसके बाद व्रती भगवान भास्कर को भोग लगाकर मुंह जुठन करने का काम की। इसके बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण किया।

कद्दू-भात को लेकर दिन भर व्रतियों के घर आमलोगों के आने-जाने का सिलसिला लगा रहा। हर कोई प्रसाद रूपी कद्दू-भात पाने के लिए व्रतियों के घर पहुंच रहे थे। इधर, कद्दू-भात संपन्न होने के साथ ही व्रती व श्रद्धालु खरना की तैयारी में जुट गए हैं। दोपहर बाद जिले भर के बाजारों में आमलोगों की भीड़ उमड़ी।

शुद्ध माने जाने वाली मिट्टी के बर्तन की खरीदारी जमकर हुई। व्रतियों का कहना है कि कांसे व मिट्टी का बर्तन शुद्ध माना जाता है। इसको लेकर वे इस बर्तन में ही भगवान भास्कर के प्रसाद तैयार कर उन्हें भोग लगाने का काम करते हैं। इधर सोमवार को खरना की तैयारी में लोग जुट गए हैं।

अर्घ्य का समय

आचार्य पंडित श्री मिश्र ने बताया कि छठ पूजा के पावन पर्व पर सूर्यदेव को प्रथम अर्घ्य 13 नवम्बर की शाम 5:25 बजे दिया जाएगा। अरुणोदय कालीन अर्घ्य 14 नवम्बर की सुबह 6:36 बजे दिया जाएगा।

प्रशासन की ओर से छठ घाट पर साफ सफाई के अलावा पुलिस प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

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