करोड़ों खर्च, फिर भी सड़कों पर बहता है नाले का पानी
अबतक शहर में काम करने वाली नगर परिषद ने आमलोगों को सुविधा मुहैया कराने के अनेकों काम किये। इसमें सड़क, नाला निर्माण समेत अन्य शामिल हंै। नगर प्रशासन की तत्परता व वार्ड पार्षदों की पहल पर अबतक करोड़ों...
अबतक शहर में काम करने वाली नगर परिषद ने आमलोगों को सुविधा मुहैया कराने के अनेकों काम किये। इसमें सड़क, नाला निर्माण समेत अन्य शामिल हंै। नगर प्रशासन की तत्परता व वार्ड पार्षदों की पहल पर अबतक करोड़ों रुपये शहर के विभिन्न वार्डो में नाले निर्माण पर खर्च किये गये। बावजूद इसके शहर की सड़कों पर नाले का पानी बहता है। स्थिति यह है कि घर से लेकर बाजार तक आमलोगों को इस गंदे पानी का सामना करना पड़ता है। नाले के गंदे पानी की बात करें तो शहर के शिवाजी चौक, कचहरी रोड, विजयभवन, बाबूटोला, विजयनगर, जगतपुर कमोवेश शहर के हरेक गली-मुहल्ले की समस्या है।
नगर प्रशासन की ओर से नाले का निर्माण कराया गया। लेकिन उक्त नाले से घर के गंदे पानी का बहाव नहीं होता है। कारण यह है कि मानक के रूप निर्माण कार्य नहीं होने की वजह से घर के गंदे पानी की निकासी नाली के माध्यम से नहीं हो पा रही है। इधर, वहीं कई जगह का नाला सड़क में दबकर दम तोड़ चुका है। कहें तो नाले का अस्तित्व खत्म हो चुका है।
स्कूल परिसर में होता है गंदे पानी का जमाव: कलेक्ट्रेट के समीप स्थित प्राथमिक विद्यालय बाबूटोला की स्थिति यह है कि कृषि फार्म के सामने स्थित मोहल्ले के घरों से निकलने वाला गंदा पानी स्कूल परिसर में एकत्रित हो रहा है। इससे स्कूली शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों को काफी परेशानियां हो रही है। इसको लेकर विद्यालय प्रधान ने डीएम व डीईओ को आवेदन भी दिया है। बावजूद इसके इस दिशा में कोई पहल नहीं किया जा सका है। नतीजतन, रोजाना घर के गंदे पानी से होकर बच्चों को स्कूल पहुंचना होता है। एचएम ने कहा कि गंदे पानी से न सिर्फ शौचालय व परिसर में घुमना मुश्किल हो गया है। बल्कि उसके दुर्गन्ध से बच्चों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है।