शहर के मुख्य सड़क के किनारे गड्ढे दे रहा हादसे को आमंत्रण
संक्षेप: बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- राजदीप सिंह शास्त्री चौक, विजयनगर चौंक सहित अन्य जगहों पर है सड़क किनारे है खुला नाला प्रशासन है सुस्त्

बांका। नगर प्रतिनिधि बांका शहर के मुख्य सड़कों के किनारे कई छोटे बड़े गड्ढे इन दिनेां हादसों का आमंत्रण दे रहा है। यही नहीं कई सार्वजनिक जगहेां पर तथा मुख्य सड़के किनारे खुला नाला छोड़ दिया गया है। एक ओर नगर परिषद शहर की साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर खूब सुर्खिया बटोरती है। प्रतिदिन नगर परिषद गली गली सफाई कर्मियों को भेज कर कचरा इकठ्ठा करवाती है। नगर परिषद द्वारा कचरा निष्पादन हेतु लकड़िकोला में डंपिंग जोन का भी निर्माण करवाया। मगर इन सबों के बीच वस्तुस्तिथि कुछ और ही बयां करतीं है। विगत दिनों वर्षा से जलजमाव की स्थिति नगर परिषद के लिए बड़ी चुनौती बनी थी।
जिसका निराकरण के लिए नगर परिषद ने टंकी सफाई वाली गाडी को चिन्हित जगहों पर भेजकर वहाँ के जल को सुखा कर किया था। जो कि, अखबारों में खूब सुर्खियां भी बटोरी थी। वहीं दूसरी ओर कई तस्वीरें कर्मियों की लापरवाही को दर्शाते रहती है। उक्त तस्वीर शहर के भीड़ भाड़ वाली जगहों व चौक चौराहे की है। जहां से प्रतिदिन हज़ारों गाड़ियां व हज़ारों लोगों की भीड़ गुजरती है। तस्वीरों में दर्शाये जगहों पर रखरखाव व व्यवस्था का साफ आभाव देखा जा सकता है। उक्त जगहों पर कई दफा छोटी छोटी घटनाएं कई बार घट चुकी है। मगर ना तो नगर परिषद के कोई जिम्मेदार इस ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं दें रहे जो कि चिंता का विषय है। यहां तक कि बड़े बड़े वादों के बीच इस प्रकार की समस्याओ को जनप्रतिनिधि बिलकुल नजरअंदाज करते आये हैं। देखना दिलचस्प यह होगा कि, इस ओर कोई ध्यान देगा भी या नहीं। शहर के चौक चौराहे के समीप नाला पर आजतक किसी ने भी ध्यान नहीं दिया गौरतलब है कि, शहर के व्यस्ततम इलाके शास्त्री चौक के समीप के नाला की स्थिति दिन ब दिन ख़राब होते जा रही है। जिस पर शासन व प्रशासन दोनों स्थाई रूप से चुप्पी साध रखी है। इस स्थान पर एक बड़ा नाला है जिसका ढक्कन खोल कर नाला के ठीक बगल में ही रखा हुआ है। साफ सफाई की बात की जाय तो नाला से आती दुर्गन्ध सारी बातें बयां कर दें रही है। वहीं यदि बात विजयनगर चौक की करें तो यह चौराहा वर्षों से अपने कायाकल्प की राह देख रहा है। व्यवस्था के नाम पर यहां केवल एक हाइमास्ट लाइट ही यहां देखने कोई मिलता है। शहर का प्रमुख चौराहा होने के नाते यहां साफ सफाई खूब रहती है मगर नाले पर यहां भी ढक्कन गायब है। जिस वजह से ना सिर्फ दुर्गन्ध फैलती है, बल्कि चौराहे के खूबसूरती में भी ग्रहण सा लगा रहता है। जबकि डोकनिया मार्केट स्थित एमआरडी गली का भी बुरा हाल है। जहां की दुर्गन्ध तो खैर वर्षों से ही विद्दमान है। मगर नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि, एमआरडी विद्यालय में बच्चे की पढ़ाई के साथ साथ कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी संपन्न होती है। मगर ऐसे हालत व्यवस्था पर तीखे प्रश्नचिन्ह दागते हैं। वहीं शहर के ह्रदयस्थली कहे जाने वाले गांधी चौक का नज़रा तो कुछ और ही कहता है। जहां कि, ढाकामोड़ कटोरिया के कार्नर की स्थिति काफी नाजुक झलकती है। यहां से तो प्रतिदिन सरकारी बाबूओं का काफिला कई दफा गुजरता है। मगर उक्त कार्नर पर गंदगी और कीचड़ ने नगर परिषद के नाक में दम कर रखा है। उक्त स्थल से लोग काफी बच कर निकलते हैं। यदि कोई फिसलता है तो उसे लहूलुहान ही होना पड़ता है। जो कि चिंता का विषय है। कटोरिया रोड में भी सड़क किनारे का नाला पूरी तरह खुला है जिसकारण दुकाान आने जाने वालों को भी परेशानी होती है। कहते हैं जिम्मेवार शहर के हर जगहों पर जांच कर इस समस्या के प्रति जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा। लोगों की परेशानी के लेकर नगर प्रशासन लगातार कार्य कर रहा है। इसके लिए भी जल्द उपाय किया जाएगा। बालमुकूंद सिन्हा, सभापति, नगर परिषद बांका क्या कहते हैं स्थानीय लोग बांका ने इस सावन केवल कुव्यवस्था को ही झेला। उदहारण आपके समक्ष शहर के चौक चौराहे पर प्रतिदिन प्रस्तुत रहता है।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। आशुतोष् कुमार सिंह नगर परिषद इस प्रकार की लाचारी शहर को कहीं ना कहीं हर क्षेत्र में पीछे धकेलता है। जबकि हम विकास के नाम पर ठगे जा चुके हैं।उदहारण आपके समक्ष शहर के चौक चौराहे पर प्रतिदिन प्रस्तुत रहता है।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। लव कुमार व्यवस्था समस्याओ के अधीन हो चुका है। जिसकी कोई भी जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते हैं। ऐसी समस्याओ से केवल आम जनमानस ही परेशान होगा।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। दिलीप कुमार नाले की सफाई तो अब हम केवल सपने में ही देखते हैं। बात रही नाले के ढक्कनों की तो इससे व्यवस्थापक की लापरवाही साफ झलकती है। नगर परिषद क्षेत्र नाजुक हालत से गुजर रही है। साथ ही जनता समस्याओ को ढो रही है। अमित सिंह नगर परिषद क्षेत्र नाजुक हालत से गुजर रही है। साथ ही जनता समस्याओ को ढो रही है। नाले की सफाई तो अब हम केवल सपने में ही देखते हैं। बात रही नाले के ढक्कनों की तो इससे व्यवस्थापक की लापरवाही साफ झलकती है। कैलाश सिंह बहुत जल्द बांका नगर परिषद क्षेत्र में गंभीर बीमारियां जन्म लेने वाली है। बगैर ढक्कन के नाले से दुर्गन्ध के साथ साथ हवाओं में बीमारियां भी बह रही है।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। चंदन कुमार शास्त्री चौक स्थित नाले का कोई माई बाप नहीं है। कई दफा यहां पर छोटी छोटी घटनाओं से कई लोग चोटिल हो चुके हैं।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। सागर कुमार चौक चौराहे की ऐसी स्थिति से साफ जाहिर होता है की शहर के अंदर लोग कैसे जीते हैं। यहां अब किसी जिम्मेदार को ही आगे आ कर निदान निकालना होगा।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। नवीन कुमार सिंह एमआरडी गली पूरे बांका में केवल दुर्गन्ध के लिए ही जाना जाता है। ऊपर से ढक्कन विहीन नाले ने एक और चिंता उत्पन्न कर दिया है।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। आदित्य कुमार शहर के मुख्य चौक गांधी चौक की शहर की व्यवस्था को चीख चीख के बता रही है। बाकी जगहों पर भी केवल सुधार की आवश्यकता है।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। राघव कुमार हम इक्कीसवी सदी के सबसे पिछड़े समाज में जी रहे हैं जहां सम्पदा तो है केवल व्यवस्थित होने की आवश्यकता है।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। दीपक कुमार लोगों में पूनर्जागरण की जरुरत है। व्यवस्था खुद ब खुद व्यवस्थित हो जाएगा।नाले का ढक्कन एक बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही है। इसे जल्द से जल्द दुरूस्त करने की जरूरत है। विष्णु कुमार

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