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मृतकों के माता पिता को ताउम्र के लिए दे गई एक दर्द भरी टीस

महादलित परिवार से जुड़े थे तीनों मृतक।

मृतकों के माता पिता को ताउम्र के लिए दे गई एक दर्द भरी टीस
हिन्दुस्तान टीम,बांकाFri, 26 Jun 2020 12:56 AM
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महादलित परिवार से जुड़े थे तीनों मृतक।गांव में पसरा है, मातमी सन्नाटा।

रजौन(बांका)। निज संवाददाता

रजौन प्रखंड के कठचातर गांव में गुरुवार की दोपहर आसमान से गिरी बिजली ने तीन ममतामयी माताओं से उनके कलेजे के टुकड़े को उनसे छीन ली। एक ही गांव की तीन माताएं प्राणों से प्यारे अपने पुत्रों की वियोग में ताउम्र तड़पती रहेंगी। कुदरत के इस कहर ने मृतक के माता-पिता को सदा के लिए दर्द भरी एक टीस दे गई है। गुरुवार को रजौन अस्पताल परिसर में मृतकों की मां अपने अपने कलेजे के टुकड़े से लिपट कर दहाड़ मार कर रो रही थी। ममतामयी माताओं के आंखों से बहते आंसुओं के सैलाब पत्थर दिल इंसान के दिल को दहला देने के लिए काफी थे। आसपास खड़ी महिलाओं से दहाड़ मार कर रो रही माताएं सिर्फ यही सवाल पूछ रही थी कि आखिर उनके बच्चों ने क्या बिगाड़ा था, की कुदरत ने उन्हें ऐसी सजा दी। मृतक शशिकांत दास के पिता धनंजय दास, मां मंजू देवी के अलावे मृतक रघुनंदन दास के पिता दीपक दास मां रूबी देवी व मृतक वासुदेव दास के पिता समीर दास वह उसकी मां ललिता देवी अपने अपने मृत बच्चों को कलेजे से चिपका कर दहाड़ मार रही थी। थोड़ी देर पहले सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन पल भर में कुदरत का कहार मौत का तांडव बनकर आया। मवेशी चराने गए बच्चों के सकुशल वापस आने का इंतजार उनके माता-पिता सहित घर के भाई बहन कर रहे थे,लेकिन किसे पता था कि उन तीनों बच्चों के लिए गुरुवार का दिन आखरी दिन होगा। सबकी जुबां से बस एक ही आवाज निकल रही थी की भगवान ऐसी सजा किसी दुश्मन को भी ना दें। सभी मृतक व जख्मी एक ही गांव के महादलित परिवार से जुड़े थे। मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों सहित खुद का पेट भरने वाले माता पिता के लिए उनके बच्चे प्राणों से भी प्यारे थे। इस घटना के बाद गांव मेंं मातमी सन्नाटा पसरा है।

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