
बाहुबली देवेंद्र दुबे की भाभी मीना द्विवेदी जन सुराज में शामिल, गोविंदगंज से चुनाव लड़ाएंगे पीके?
संक्षेप: बिहार की गोविंदगंज विधानसभा सीट से 3 बार जेडीयू की विधायक रहीं मीना द्विवेदी ने बुधवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की सदस्यता ले ली। मीना द्विवेदी चंपारण के बाहुबली रहे देवेंद्र दुबे की भाभी हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चंपारण के बाहुबली रहे देवेंद्र नाथ दुबे की भाभी मीना द्विवेदी प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हो गई हैं। पूर्वी चंपारण जिले की गोविंदगंज विधानसभा सीट से 3 बार जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की विधायक रहीं मीना ने बुधवार को पटना में समर्थकों के साथ जन सुराज का दामन थामा। पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पीला गमछा ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। बता दें कि पिछले दिनों ही मीना द्विवेदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी को अलविदा कहा था। अब पीके की पार्टी के टिकट पर उनके गोविंदगंज से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है।

जन सुराज की ओर से बुधवार को मिली जानकारी के अनुसार मीना द्विवेदी के साथ पूर्वी चंपारण के जिला एवं प्रखंड स्तर के कई जेडीयू पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी की सदस्यता ली। बता दें कि मीना द्विवेदी ने पिछले दिनों जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को त्याग पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने जेडीयू पर परिवार की लंबे समय से अनदेखी के आरोप लगाए थे।
मीना द्विवेदी पूर्वी चंपारण जिले के बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध रखती हैं। साल 1995 में उनके देवर देवेंद्र नाथ दुबे समता पार्टी से विधायक बने थे। साल 1998 के उपचुनाव में उनके पति भूपेंद्र नाथ दुबे विधायक रहे। फिर साल 2005 के फरवरी और नवंबर एवं 2010 में हुए विधानसभा चुनावों में मीना द्विवेदी खुद जदयू से विधायक चुनी गईं। जन सुराज पार्टी का कहना है कि उनके समर्थन से चंपारण की राजनीति में मजबूती मिलेगी।
मीना द्विवेदी के देवर देवेंद्र नाथ दुबे एक समय चंपारण क्षेत्र के चर्चित बाहुबली थे। वे गोविंदगंज से जेल में रहते हुए चुनाव जीते थे। 1998 में उनकी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उनके भाई भूपेंद्र नाथ दुबे गोविंदगंज से विधायक रहे। भूपेंद्र दुबे के बाद उनकी पत्नी मीना द्विवेदी तीन बार इस सीट से MLA रहीं। हालांकि, 2015 और 2020 में जेडीयू को गठबंधन के तहत गोविंदगंज सीट नहीं मिली, इस कारण मीना द्विवेदी का टिकट कट गया। अब 2025 के चुनाव से पहले मीना पीके की पार्टी में चली गई हैं।





