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भिखनाठोरी में पानी विवाद नहीं हुआ हल

इंडो नेपाल के भिखनठोरी बॉर्डर पर नेपालियों द्वारा भारतीय क्षेत्र में आने वाले दो नाले में से एक का पानी बंद करने से उपजा विवाद अभी भी शांत नहीं हुआ है। इस विवाद के कारण दोनों देशों के नागरिकों के बीच...

भिखनाठोरी में पानी विवाद नहीं हुआ हल
हिन्दुस्तान टीम,बगहाTue, 02 Jun 2020 09:24 PM
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इंडो नेपाल के भिखनठोरी बॉर्डर पर नेपालियों द्वारा भारतीय क्षेत्र में आने वाले दो नाले में से एक का पानी बंद करने से उपजा विवाद अभी भी शांत नहीं हुआ है। इस विवाद के कारण दोनों देशों के नागरिकों के बीच अब भी तनाव की स्थिति है। हालांकि एसडीएम चंदन कुमार चौहान ने भारतीय नागरिकों से शांति बनाये रखने की अपील की है। सोमवार की शाम में एसडीएम व एसडीपीओ सूर्यकांत चौबे भिखनाठोरी पहंुचे और वहां एसएसबी बीओपी में विवाद के हल को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में क्षेत्रीय विधायक भागीरथी देवी व जिला परिषद अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल भी पहंुचे। एक तरफ विधायक, जिप अध्यक्ष व अधिकारियों की बैठक चल रही थी तो दूसरी तरफ आस पास के भारतीय गांव के नागरिक भी नाला खुलवाने की रणनीति तैयार कर रहे थे। भारतीय नागरिक किसी भी सूरत में नाले को खोलवाने की मांग पर अड़े हुए थे। हालांकि बैठक समाप्त होने के बाद एसडीएम व एसडीपीओ भारतीय नागरिकों के पास आये और उनसे शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की।

एसडीएम ने वहां सैकड़ों की संख्या में उपस्थित भारतीय नागरिकों से कहा कि मामले का शांतिपूर्णं हल जल्द ही निकाल लिया जाएगा। इसके लिए उच्च अधिकारी स्तर पर बातचीत चल रही है। एसडीएम ने कहा कि एक पखवारे के अंदर विवाद का स्थायी हल निकाल लिया जाएगा। हालांकि नाले को खोलवाने की मांग को लेकर भवानीपुर, खैरटिया, एकवा, भिखनाठोरी आदि गांव के लोग वहां लगातार जमे हुए हैं।

पानी बंद होने से परेशान हैं बारहगांवा के ग्रामीण : भिखनाठोरी बॉर्डर पर उजली पहाड़ी के नीचे से दो नाले निकलकर भारतीय क्षेत्र में आते हैं। इन नालों से थरुहट क्षेत्र के 12 गांवों के लोगों को लाभ मिलता है। यह नाला वीटीआर के जंगलों से भी होकर गुजरता है। नाले के पानी से जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाते हैं। भवानीपुर, खैरटिया, दोमाठ, बेतहनिया, देवाढ़ सहित कई गांव के लोगों की धान की खेती भी नाले की पानी पर निर्भर है।

अमूमन हर साल अपै्रल से जून महीने के बीच भारतीय क्षेत्र में आने वाले नालों की पानी को नेपाली नागरिक बंद कर देते हैं और सभी पानी का रूख नेपाल जाने वाले नाले में मोड़ देते हैं।

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