रक्षा बंधन पर 19 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग
इस बार रक्षा बंधन पर 19 सालों के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। श्रवण नक्षत्र से सौभाग्य योग, सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश व चंद्रमा का मकर राशि में रहना बहन व भाई के लिए लाभकारी होगा। चार दिन पहले ही...
इस बार रक्षा बंधन पर 19 सालों के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। श्रवण नक्षत्र से सौभाग्य योग, सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश व चंद्रमा का मकर राशि में रहना बहन व भाई के लिए लाभकारी होगा। चार दिन पहले ही गुरु का मार्गी हो जाना सोने पे सुहागा जैसा है।
गुरुवार को रक्षा बंधन व इतने सारे संयोग 19 साल बाद बन रहे हैं। पूर्णिमा बुधवार को दोपहर 2.48 से गुरुवार शाम 4.24 बजे तक रहेगा। वहीं भद्रा गुरुवार को भोर में 3.40 बजे समाप्त हो जाएगा। इससे सुबह से बहने अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगे, उन्हें पिछले साल की तरह इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
दोपहर 1.32 से 3.02 बजे बचे राखी बांधने से : ज्योतिषियों के अनुसार वैसे तो दिन भर रक्षा बंधन के मुहुर्त हैं। लेकिन दोपहर में 1.32 से 3.02 बजे तक राहु काल रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने से बचे तो बेहतर होगा। राशि के अनुसार राखी बांधने व मिठाई खिलाने पर और बेहतर फल मिलेंगे। बहनें थाली में चंदन अक्षत रखें। सबसे पहले भाई की कलाई पर राखी बांधे, इसके बाद तिलक लगाये, तब आरती उतारे और मिठाई खिलाए।
तरह तरह के मिष्ठान से सजा मिठाई दुकान : रक्षाबंधन पर्व को लेकर राखी के दुकान के साथ साथ मिठाई की दुकान भी सजने लगी है। कई दुकानदारों ने इस बार तरह तरह के मिठाई बनाये है। कोई खोआ का मिठाई तो कोई छेना का स्पेशल मिठाई तैयार किया है। हालांकि कई महिलाएं ने अपने हाथों से पंसदीदा मिठाई तैयार करने के मुड में है।