बेतिया | हिन्दुस्तान संवाददाता
मझौलिया के एक गांव में नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शामिल आरोपियों को पुलिस आठ माह बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पायी है। न्यायालय से सितंबर 2020 में जारी कुर्की जब्ती के आदेश का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
लड़की के परिजनों का आरोप है कि घटना के आरोपी दबंग है। पुलिस उनकी कुर्की करने से डर रही है। वे लोग लड़की को अगवा करने तथा उसके पिता को जान से मारने की धमकी दे रहे है। पुलिस अधिकारियों के पास वे लोग गिरफ्तारी के लिए दौड़ते-दौड़ते थक गए है। मझौलिया थानध्यक्ष राणा रणविजय कुमार ने फोन पर बताया कि सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी की जा चुकी है। आरोपी बिरबल यादव व मंटू यादव गिरफ्तारी के डर से फरार है। उनकी चल-अचल संपति की कुर्की जब्ती कर ली गयी है। इधर अनुसंधानकर्ता ने बुधवार को फोन पर बताया कि कुर्की जब्ती के लिए वाहन की जरूरत है। वाहन नहीं मिलने के कारण कुर्की नहीं हो रही है। हालांकि न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने कुर्की जब्ती के बारे में कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की है।
मामला यह है कि 14 वर्षीय लड़की 18 मई 2020 को संध्या समय अपने घर से शौच करने के लिए निकली थी। पूर्व से घात लगाए उसके गांव के बिरबल यादव व मंटू यादव ने लड़की को पकड़ लिया। चाकू का भय दिखाकर दोनों आरोपी उसे मक्का के खेत में ले गए। वहां पर उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। लड़की को अचेतावस्था में छोड़कर दोनों फरार हो गए। परिजन बाद में लड़की को खोजते हुए पहुंचे तो वह बेहोशी की हालत में खेत में मिली। परिजनों का आरोप है कि इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक निताशा गुड़िया ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश निर्गत कर दिया था।
लेकिन मझौलिया पुलिस लापरवाही बरत रही है। जिसके चलते अभियुक्त गांव में खुलेआम घुम लड़की के अपहरण व उसके पिता की हत्या की धमकी दे रहे है। न्यायालय से दोनों आरोपियों के कुर्की जब्ती का आदेश 10 सितंबर 2020 को ही निर्गत किया गया था।