नेपालियों ने रोका नहर का पानी
इंडो- नेपाल के भिखनाठोरी बॉर्डर पर नेपालियों द्वारा भारतीय क्षेत्र में आने वाले नालों का पानी बंद करने से सीमावर्ती भारतीय गांवों में हाहाकार मचा हुआ...
इंडो- नेपाल के भिखनाठोरी बॉर्डर पर नेपालियों द्वारा भारतीय क्षेत्र में आने वाले नालों का पानी बंद करने से सीमावर्ती भारतीय गांवों में हाहाकार मचा हुआ हैं।
भवानीपुर, एकवा , परसौनी, खैरटिया, भिखनाठोरी, सुपौली, वन बैरिया सहित दर्जनों गांव के लोग पानी के लिए परेशान हैं। नेपालियों द्वारा पानी बंद कर दिए जाने से आक्रोशित सीमावर्ती भारतीय गांव के दर्जनों लोग शनिवार को भिखनाठोरी पहंुचे और पानी बंद किए जाने का जमकर विरोध किया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए भिखनाठोरी स्थित एसएसबी कैंप में पानी विवाद को सुलझाने के लिए एक बैठक भी हुयी। बैठक में नेपाल के साथ साथ एसएसबी के अधिकारी व जिप अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल उपस्थित रहे। इससे सीमावर्ती भारतीय गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।भारतीय क्षेत्र के दोनों नाले वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगलों से होकर गुजरते हैं। इन नालों से जंगली जानवर भी अपनी प्यास बुझाते हैं। पानी बंद कर दिए जाने से जानवरों की जान पर भी आफत आ सकती है।
बैठक में एसएसबी के सहायक सेनानायक अंजय कुमार रजक, अंग्ले प्रियदर्शीअरूण, बंटी सिंह, धमौरा मुखिया रामबिहारी महतो के साथ साथ नेपाल प्रहरी के ठोरी सर्किल के इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह गुररूंग तथा नेपाल सशस्त्र सीमा बल के इंस्पेक्टर दिलीप वसनेत भी मौजूद रहे।
बैठक में नेपाली अधिकारियों ने भारतीय लोगों को आश्वासन दिया कि वे दो दिनों के अंदर नेपाली नागरिकों की एक बैठक बुलाकर इसका निदान करायेंगे। एसएसबी के सहायक सेनानायक अंजय कुमार रजक ने बताया कि अच्छे वातावरण में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच वार्ता हुयी है। दो से तीन दिनों में निदान हो जाएगा।