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व्हाट्सएप ग्रुप से बढ़ी कक्षा में रुचि

एमजेके कॉलेज में प्रध्यापकों की टीम कभी शिक्षक प्रकोष्ठ में बैठ कर चर्चा-परिचर्चा किया करती थी। वो छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए तरस जाते थे। कक्षा के बारे में पूछे जाने पर वो कहते थे कि छात्रों को...

व्हाट्सएप ग्रुप से बढ़ी कक्षा में रुचि
हिन्दुस्तान टीम,बगहाMon, 15 Oct 2018 11:31 PM
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एमजेके कॉलेज में प्रध्यापकों की टीम कभी शिक्षक प्रकोष्ठ में बैठ कर चर्चा-परिचर्चा किया करती थी। वो छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए तरस जाते थे। कक्षा के बारे में पूछे जाने पर वो कहते थे कि छात्रों को घर से निकाल कर तो कॉलेज नहीं लाया जा सकता। लेकिन पिछले एक-दो माह से कॉलेजों की कक्षाओं में काफी भीड़ देखने को मिल रही है।

एक-एक कक्षा में 60-70 छात्र-छात्राओं की भीड़ दिख रही है। इसका सबसे बड़ा करण डिजिटल मीडिया का प्रयोग दिख रहा है। जहां छात्रों को नामांकन के समय उनका मोबाईल नंबर देना होता है। इसके प्रयोग से जो छात्र सोशल नेटवर्किंग एप वाट्सएप पर हैं। उन्हें प्रध्यापकों द्वारा जोड़ लिया जाता है। जिसके बाद उन्हें फोन करके कक्षाएं करने के लिए प्रेरित किया जाता है। जिसके बाद से कॉलेज में पठन-पाठन की एक अलग ही स्वरुप देखने को मिल रहा है। अंग्रेजी, गणित, रसायन, भूगोल, अर्थशास्त्र आदि विषयों में छात्रों की भीड़ उमड़ रही है। छात्र-छात्राएं खुद आकर प्रोफेसरों को खोजते हैं और कक्षा लेने के लिए कहते हैं।

नए शिक्षकों के आने से बदली हवा:- एमजेके कॉलेज में नए युवा शिक्षकों के आने औैर टेक्नोफेंडली होने से ये परिवर्तन देखने को मिल रहा है। अंग्रेजी के प्रध्यापक डॉ. बनर्जी, रसायन के प्रध्यापक डॉ. विनोद कुमार और भूगोल के प्रध्यापक डॉ. योगेन्द्र द्वारा ये प्रयोग किया गया है। इसमें सभी छात्र-छात्राओं को वाट्सएप द्वारा जोड़कर क्लास करने के लिए समय दिया जाता है। जिसके बाद क्लास करने के लिए छात्र आते हैं।

पहले इक्का-दुक्का आते थे छात्र:- अंगे्रजी और रसायन के दोनों ही नए प्रध्यापक बताते हैं कि जब वो कॉलेज में आए थे तो इक्का-दुक्का छात्र ही क्लास करने आया करते थे। जिससे कॉलेज में मन भी नहीं लग पाता था। जिसके बाद डिजिटल माध्यम के प्रयोग से धीर-धीरे छात्रों की संख्या बढ़ने लगी। आज हालात ऐसे हैं कि अंग्रेजी में 60-70 छात्र नियमित कक्षा करने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्नात्तक और पीजी में ऐसी स्थिति है।

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