हैलो, कहां तक हुई पुल की मरम्मत...
पश्चिम चम्पारण कलक्ट्रेट कैम्पस। दिन सोमवार। समय दिन के सवा तीन बजे हैं। बाढ़ से संबंधित प्रतिवेदनों के अवलोकन, अधिकारियों को निर्देश व आवश्यक फाइलों पर आदेश के बाद डीएम आम जनों से मिलना शुरू करते...
पश्चिम चम्पारण कलक्ट्रेट कैम्पस। दिन सोमवार। समय दिन के सवा तीन बजे हैं। बाढ़ से संबंधित प्रतिवेदनों के अवलोकन, अधिकारियों को निर्देश व आवश्यक फाइलों पर आदेश के बाद डीएम आम जनों से मिलना शुरू करते हैं।फिर फोन से बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुलों व मार्गों की मरम्मत की रिपोर्ट लेते हैं। नरकटियागंज-ठोरी पथ में जमुनियां के समीप पुल धवस्त है। डीएम डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे संबंधित अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को फोन कर पूछते हैं, ‘एक्सक्यूटिव साहब, पुल की मरम्मती हुई या नहीं। उधर से कार्यपालक अभियंता ने बताया कि कल तक (मंगलवार तक) मरम्मत कार्य पूरा हो जाएगा। फिर एक व्यक्ति आता है। डीएम उसकी बात सुनते हैं और समस्या के समाधान के लिए उसका आवेदन सामान्य प्रशाखा को भेजते हैं। उसके बाद पुन: फोन से मझौलिया के बेखबरा के पास क्षतिग्रस्त पुल समेत जिले के कई स्थानों की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कार्य के बारे में जानकारी लेकर त्वरित गति से कार्य कर आवागमन सुचारू करने के निर्देश देते हैं। यानि डीएम डॉ. देवरे की नजर जिले की हर क्षतिग्रस्त सड़कों व पुलियों पर टिकी है।