नेपाल के जलग्रहण वाले क्षेत्रों पोखरा, नारायणघाट में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण वाल्मीकिनगर में गंडक नदी ऊफान पर है। जलस्तर बढ़ने के कारण वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगलों में पानी भरने लगा है। वहीं एसएसबी के झंडाहवा टोला कैंप के साथ-साथ चकदहवा, कान्ही टोला व बिनटोली में बाढ़ का पानी घुस गया है। लगभग छह सौ घरों में पानी देर रात में घुसने के बाद एसएसबी की टीम ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया है। गुरुवार की दोपहर तक पांच सौ से ज्यादा महिला, पुरुष व बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। झंडाहवा टोला में रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व कर रहे 21वीं बटालियन एसएसबी के सहायक सेनानायक शंभू चरण मंडल ने बताया कि गंडक नदी का जलस्तर बुधवार की देर शाम से अचानक बढ़ गया। जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप के साथ-साथ गांव में प्रवेश कर गया। रात से ही लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए कवायद की जा रही है। उन्होंने बताया कि एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी आने के कारण नाव से जवानों की आवाजाही व गश्ती हो रही है।
बाराज से छोड़ा गया 3.57 लाख क्यूसेक पानी : गंडक बाराज से गुरुवार की दोपहर तीन लाख 57 हजार छह सौ क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है। जिससे गंडक नदी का जलस्तर देर शाम तक पश्चिम चंपारण के दियारावर्ती इलाकों में बढ़ने की संभावना है। जिला प्रशासन ने दियारावर्ती प्रखंडों के अधिकारियों को सचेत कर दिया है। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। गंडक बाराज के कार्यपालक अभियंता जमिल अहमद ने बताया कि नेपाल के जल ग्रहण वाले क्षेत्रों में गुरुवार को भी भारी बारिश हो रही है। पोखरा में 84.05 एमएम, भैरवा में 79.8, काठमांडू में 77 एमएम, सिमरा में 108 एमएम बारिश हुई है। जिसके चलते नारायणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नारायणी नदी वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी में आकर सोनहा (सोनभद्र) तथा तामसा नदी मिलती है। तीनों नदियां एक साथ मिलकर गंडक नदी हो जाती है। तीनों नदियों में पहाड़ का पानी आता है। इससे गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाराज के सभी अभियंता व अधिकारी चौबीस घंटे बाराज तथा पानी पर नजर रखे हुए है।