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दिव्यांग शराब धंधेबाज को नहीं पकड़ पाये थानाध्यक्ष

थानाध्यक्ष, दारोगा, जमादार व चार हट्ठे-कट्ठे पुलिस से तेज दौड़कर बाएं पैर से दिव्यांग शराब का धंधेबाज फरार हो गया। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा कि आखिर दिव्यांग पुलिस से तेज कैसे दौड़ सकता है? पर यह...

दिव्यांग शराब धंधेबाज को नहीं पकड़ पाये थानाध्यक्ष
हिन्दुस्तान टीम,बगहाWed, 26 Jun 2019 12:25 AM
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थानाध्यक्ष, दारोगा, जमादार व चार हट्ठे-कट्ठे पुलिस से तेज दौड़कर बाएं पैर से दिव्यांग शराब का धंधेबाज फरार हो गया। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा कि आखिर दिव्यांग पुलिस से तेज कैसे दौड़ सकता है? पर यह सौ फीसदी सच है। घटना एक महीने पहले की है। कालीबाग ओपी पुलिस नोनिया डीह में छापेमारी करने गई थी। यहां से पुलिस ने नौ लीटर देसी शराब जब्त की थी। मौके दो भाई फरार हो गये थे। भागने वालों में संतोष कुमार महतो बाएं पैर से 50 फीसदी दिव्यांग है। ऐसा थानाध्यक्ष ने अपने बयान पर दर्ज की गई एफआईआर में कहा है, वे दौड़ नहीं सकते हैं। सीएस कार्यालय से 28 अक्टूबर 2008 को संतोष कुमार महतो के नाम से जारी किया गया है। इधर, संतोष की मां राधिका देवी ने कहा कि संतोष शराब के कारोबार से नहीं जुड़ा है। उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। मामला यह है कि कालीबाग ओपी प्रभारी मनीष कुमार ने अपनी एफआईआर में कहा है कि वे दारोगा सत्येन्द्र सिंह, जमादार उपेन्द्र सिंह व चार पुलिसकर्मियों की टीम के साथ वीरेन्द्र महतो व संतोष महतो के घर के पास पहुंचे। देखा कि दोनों शराब बेच रहे थे। पुलिस को देख दोनों भागने लगे। पुलिस कर्मियों ने पीछा किया, लेकिन संकीर्ण गली व घनी बस्ती का लाभ उठा दोनों फरार हो गए। थानाध्यक्ष ने बताया कि संतोष नजर के सामने से नहीं भागा था। पुलिस के पहुंचने से पूर्व फरार हो गया था। ऐसे में एफआईआर व थानाध्यक्ष के बयान पर सवाल उठना लाजिमी है। एसडीपीओ पंकज कुमार रावत ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। अगर पुलिस ने गलती की होगी तो कार्रवाई होगी।

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